Tatpurush Samas Kise Kahate Hain – तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

Tatpurush Samas Kise Kahate Hain In Hindi – आज के इस लेख Tatpurush Samas In Hindi में हम तत्पुरुष समास के बारे में पढ़ने वाले हैं, इसमे आप Tatpurush Samas Ki Paribhasha, Tatpurush Samas Ke Bhed Aur Niyam के बारे में उदाहरण के द्वारा समझेंगे। तत्पुरुष समास के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

Definition Of Tatpurush Samas In Hindi – तत्पुरुष समास की परिभाषा

समास में प्रयोग होने वाले ऐसे शब्द जिनका उत्तर पड़ प्रधान हो, वह समास को Tatpurush Samas Kahate Hain। इन समास के मध्य आने वाले शब्दों (विभक्तियों) का इसमे लोप भी हो जाता है।

तत्पुरुष समास के अंतर्गत आने वाले कुछ शब्द के लिए, से, कोके, की, के द्वारा, का, में, पर इत्यादि है।

उदाहरण

  • मांस को खाने वाला — मांसाहारी
  • काल को जीतने वाला — कालजयी
  • खुद को मारने वाला — आत्मघाती
  • राजा को धोखा देने वाला — राजद्रोही
  • खाना को बनाने वाला  —  हलवाई
  • शाक को खाने वाला — शाकाहारी

Types Of Tatpurush Samas In Hindi – तत्पुरुष समास के भेद

तत्पुरुष समास के छः भेद होते हैं जो कि निम्नलिखित दिए गए हैं-

  • कर्म तत्पुरुष समास
  • करण तत्पुरुष समास
  • सम्प्रदान तत्पुरुष समास
  • अपादान तत्पुरुष समास
  • सम्बन्ध तत्पुरुष समास
  • अधिकरण तत्पुरुष समास

1. कर्म तत्पुरुष समास

इस समास के अंतर्गत कर्म कारक की विभक्ति का लोप लोप हो जाता है।

उदाहरण

  • ग्रामगत = ग्राम को गया हुआ
  • विद्युतमापी = विद्युत को मापने वाला
  • परलोक गमन  = परलोक को गमन
  • कठफोड़ा  = काठ को फोड़ने वाला
  • स्वर्गगत     = स्वर्ग को गया हुआ
  • संकटापन्न  = संकट को आपन्न (प्राप्त)
  • गृहागत     =       गृह को आगत
  • कष्टापन्न    = कष्ट को आपन्न (प्राप्त)
  • शरणागत  = शरण को आगत
  • माखनचोर  = माखन को चुराने वाला
  • मरणासन्न  = मरण को पहुँचा हुआ
  • चिड़ीमार  = चिड़ियों को मारने वाला
  • सुखप्राप्त  = सुख को प्राप्त करने वाला
  • पतितपावन  = पापियों को पवित्र करने वाला

2. करण तत्पुरुष समास

ऐसे समास जिनके अंतर्गत करण कारक की विभक्ति का लोप हो जाये करण तत्पुरुष समास कहलाते हैं।

उदाहरण

  • बलहीन  = बल से हीन
  • जन्मरोगी  = जन्म से रोगी
  • कर्मरहित  = कर्म से रहित
  • देशनिर्वासित  = देश से निर्वासित
  • भयमीत  = भय से भीत
  • स्थानभ्रष्ट  = स्थान से भ्रष्ट
  • पदच्युत  = पद से हटाया हुआ
  • धर्मभ्रष्ट  = धर्म से भ्रष्ट
  • भार रहि  = भार से रहित
  • पदभ्रष्ट  = पद से भ्रष्ट
  • धर्मविमुख  = धर्म से विमुख
  • भाग्यहीन  = भाग्य से हीन
  • जन्माध  = जन्म से अंधा
  • दूरागत  = दूर से आगत
  • रणविमुख  = रण से विमुख

3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास

जिन समास में सम्प्रदान कारक की विभक्ति का लोप हो सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहलाते हैं।

उदाहरण

  • पुत्रशोक  = पुत्र के लिए शोक
  • विधानसभा  = विधान के लिए सभा
  • डाकमहसूल  = डाक के लिए महसूल
  • विधान भवन  = विधान के लिए भवन
  • सभाभवन  = सभा के लिए भवन
  • क्रीड़ास्थल  = क्रीडा के लिए स्थल
  • कर्णफूल  = कर्ण (कान) के लिए फूल
  • आरामकुर्सी  = आराम के लिए कुर्सी
  • शपथपत्र  = शपथ के लिए पत्र
  • आवेदन पत्र  = आवेदन के लिए पत्र
  • काकबलि  = काक (कौआ) के लिए बलि
  • समाचार पत्र  = समाचार के लिए पत्र

4. अपादान तत्पुरुष समास

जिस समाज मे अपादान कारक की विभक्ति का लोप होता है उनको अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।

उदाहरण

  • भयमीत  = भय से भीत
  • देशनिर्वासित  = देश से निर्वासित
  • जातिच्युत  = जाति से च्युत
  • स्थानभ्रष्ट  = स्थान से भ्रष्ट
  • धर्मविमुख  = धर्म से विमुख
  • भाग्यहीन  = भाग्य से हीन
  • भाररहित  = भार से रहित
  • पथभ्रष्ट  = पथ से भ्रष्ट
  • दूरागत  = दूर से आगत
  • रणविमुख  = रण से विमुख
  • जन्माध  = जन्म से अंधा

5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास

जिन समास में सम्बंद कारक की विभक्ति के लोप को दर्शाया गया हो सम्बन्ध तत्पुरुष समास कहलाते हैं।

उदाहरण

  • राजकन्या  = राजा की कन्या
  • भारतरत्न  = भारत के रत्न
  • राजमाता  = राजा की माता
  • सचिवालय  = सचिव की आलय
  • राजपुत्र  = राजा का पुत्र
  • देशसुधार  = देश का सुधार
  • ब्राह्मणपुत्र  = ब्राह्मण का पुत्र
  • देशरक्षा  = देश की रक्षा
  • गोबरगणेश  = गोबर का गणेश
  • देशसेवा  = देश की सेवा
  • स्वास्थ्यरक्षा  = स्वास्थ की रक्षा
  • देशवासी  = देश के वासी

6. अधिकरण तत्पुरुष समास

ऐसे शब्द जिनमे अधिकरण कारक की विभक्ति का लोप होता है वे अधिकरण तत्पुरुष समास कहलाते हैं।

उदाहरण

  • कुलश्रेष्ठ  = कुल में श्रेष्ठ
  • ध्यानमग्न  = ध्यान में मग्न
  • मुनिश्रेष्ठ  = मुनियों में श्रेष्ठ
  • स्वर्गवासी  = स्वर्ग में बसने वाला
  • कलानिपुण  = कला में निपुण
  • पुरुषोत्तम  = पुरुषों में उत्तम
  • नीतिनिपुण  = नीति में निपुण
  • सिरदर्द  = सिर में दर्द
  • आनंदमग्न  = आनंद में मग्न
  • पेटदर्द  = पेट में दर्द
  • विचारमग्न  = विचार में मग्न
  • पुरुषसिंह  = पुरुषों में सिंह

Conclusion – हम आर्टिकल Tatpurush Samas In Hindi के माध्यम से हमने तत्पुरुष समास के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है, यहां पर आप सरल शब्दों में Tatpurush Samas Ki Paribhasha, Bhed Aur Niyam विशेषता आदि जान सकते हैं।

FAQs About Tatpurush Samas Kise Kahate Hain

Q1. तत्पुरुष समास क्या होता है ?

Ans : वह समास है जिसमें उत्तर पद प्रधान होता है और पूर्व पद अप्रधानहोता है इन दोनों पदों के मध्य कारक का लोप होता है जिसे Tatpurush Samas Kahate Hain.

Q2. तत्पुरुष समास की पहचान क्या होती है ?

Ans : तत्पुरुष समास में प्रथम पद उत्तर प्रधान का होता है, जो की तत्पुरुष समास की पहचान है इस समास में विग्रह करने पर विभक्ति चिन्ह दिखाई देते हैं।

Q3. तत्पुरुष समास के उदाहरण बताइए ?

Ans : Tatpurush Samas Ke Udaharan –

  • राजा का पुत्र = राजपुत्र
  • शर से आहत = शराहत
  • खुद को मारने वाला — आत्मघाती

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