Upvakya Kise Kahate Hain – उपवाक्य की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

Upvakya Kise Kahate Hain In Hindi -उपवाक्य वाक्य का महत्वपूर्ण अंश होता है जिसमे उद्देश्य एयर विधेय उपस्थित होते हैं। अब हम यहाँ “Upvakya In Hindi” आर्टिकल में Upvakya Ki Paribhasha, Prakar, Niyam Aur Udaharan के बारे में पढ़ेंगे। यहाँ पर आपको उपवाक्य से सम्बंधित समस्त जानकारी मिल जाएगी।

Upvakya Kise Kahate Hain – उपवाक्य की परिभाषा

उपवाक्य, वाक्य का महत्वपूर्ण अंश होता है जिसमे विधेय एवं उद्देश्य उपस्थित होते हैं। साधारण भाषा में समझे तो उपवाक्य पदों का ऐसा समूह होता है जो स्वयं में अर्थपूर्ण हो, तथा समान्यतः किसी अन्य वाक्य का भाग हो इनके अलावा जिसमे विधेय एवं उद्देश्य भी उपस्थित हों। वह उपवाक्य कहलाते हैं।

जैसे -: जितना, जिससे, जहाँ, जो, ताकि, ज्यो – त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, क्योंकि, जब इत्यादि।

Upvakya Ke Bhed In Hindi – उपवाक्य के प्रकार 

उपवाक्य को समान्यतः दो भागों में बांटा गया है।

  • प्रधान उपवाक्य
  • आश्रित उपवाक्य

1. प्रधान उपवाक्य

जब कोई उपवाक्य, वाक्य से अलग होने के बाद भी पूर्ण अर्थ निकलता है वह प्रधान उपवाक्य कहलाता है।

2. आश्रित उपवाक्य

जब कोई उपवाक्य वाक्य से अलग होने के बाद पूर्ण अर्थ नही देता है तो वह आश्रित उपवाक्य कहलाता है। 

उदाहरण –

यदि गाड़ी आ जाये तो मैं चलूँगा।

उपर्युक्त दिए गए वाक्य में यदि गाड़ी आ जाये आश्रित उपवाक्य है तथा तो मैं चलूँगा प्रधान उपवाक्य है।

आश्रित उपवाक्य के प्रकार

आश्रित उपवाक्य के तीन प्रकार होते हैं।

  • संज्ञा उपवाक्य
  • विशेषण उपवाक्य
  • क्रिया विशेषण उपवाक्य

1. संज्ञा उपवाक्य

जो उपवाक्य प्रधान अथवा मुख्य उपवाक्य के कारक, क्रिया, कर्म अथवा संज्ञा के रूप में सहायता करते हैं उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं। यह योजक शब्द कि के द्वारा जुड़ा हुआ होता है।

उदाहरण –

मां ने बचपन में ही घोषणा कर दी थी कि मेरा लड़का ऑफिसर बनेगा।

2. विशेषण उपवाक्य

जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य के संज्ञा पड़ की विशेषता  बताता है वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है। इसमे जिसे, जो, जितना, जैसा इत्यादि शब्दो का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण –

वह लड़की जो कल गाना गा रही थी आज नहीं आयी है।

3. क्रिया विशेषण उपवाक्य

जब कोई आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता का वर्णन करता है तो वह क्रिया विशेषण उपवाक्य कहलाता है। इसमें जहाँ, जब, ज्यों, जिधर इत्यादि शब्द प्रयोग किये जाते हैं।

उदाहरण –

जब कोई गलती करता है तभी तो उसे इसकी सजा मिलती है

Conclusion – उपवाक्य का निर्माण करने के लिए उसका कोई स्वन्तत्र रूप नहीं होता यह दूसरे वाक्य के साथ मिलकर अर्थ को स्पष्ट रूप से प्रकट करते हैं, यहां पर आप Upvakya Ki Paribhasha Udaharan Sahit पढ़ सकते हैं।

FAQs About Upvakya Kise Kahate Hain

Q1. उपवाक्य क्या होता है ?

Ans : जिस वाक्य में उद्देश्य और विधेय शामिल होता है, उसे Upvakya Kahate Hain इसमें पद का अपना अर्थ होता है जो कि उ वाक्य के रूप में जाना जाता है।

Q2. उपवाक्य की पहचान कैसे होती है ?

Ans : उपवाक्य हमेशा विशेषण और संज्ञा के रूप में कार्य करते हैं यह वाक्य को जोड़ने में मदद करते हैं जो की Upvakya Ki Pahchan Hain.

Q3. उपवाक्य कितने प्रकार के होते हैं ?

Ans : Upvakya 2 Prakar Ke Hote Hain – प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य।

Q4. उपवाक्य में उद्देश्य और विधायक क्या होता है ?

Ans : उपवाक्य में उद्देश्य किसी प्रकार की वस्तु के संबंध को बताया जाता है, उसे उद्देश्य और वह जो कर्ता के संबंध में बोला जाता है वह विधेय कहलाता है।

Q5. उपवाक्य के उदाहरण बताइए ?

Ans : Upvakya Ke Udaharan –

  • रानी स्कूल नहीं गयी, क्योंकि बारिश हो रही थी
  • यह वही कपड़े है जिसे मैंने दिल्ली में खरीदी थी

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