Dvikarmak Kriya Kise Kahate Hain – द्विकर्मक क्रिया, क्रिया का एक महत्वपूर्ण भाग होता है इसलिए आज के इस आर्टिकल Dvikarmak Kriya In Hindi With Examples में हम आपको द्विकर्मक क्रिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं Dvikarmak Kriya Kya Hote Hain, Dvikarmak Kriya Ke Udaharan द्वारा आपको समझाने का प्रयास करेंगे।
Dvikarmak Kriya Kise Kahate Hain – द्विकर्मक क्रिया की परिभाषा
Dvikarmak Ka Arth दो कर्म का एक साथ प्रयोग करना होता है। जब किसी वाक्य में कर्ता के द्वारा क्रिया का उपयोग करने पर उसका प्रभाव दो कर्मों पर पड़ता है उसे Dvikarmak Kriya Kahate Hain इसमे जो कर्म पहले आता है वह प्राणीवाचक होता है तथा जो कर्म बाद में आता है वह निर्जीव होता है।
जैसे – दुकानदार ने ग्राहक को वस्तुएं दी।
इस वाक्य में एक क्रिया का प्रभाव दो कर्मों पर पड़ रहा है जिसमे से पहले कर्म ग्राहक है और दूसरा कर्म वस्तु है अतः यह द्विकर्मक क्रिया का उदाहरण है।
Examples Of Dvikarmak Kriya In Hindi – द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण
- रवि ने मास्टर जी को प्रणाम किया।
- वे गाड़ी से घर पर जा रहे हैं।
- राम अपने भाई के साथ क्रिकेट खेल रहा है।
- राधा ने रोहन को एक पुस्तक दी।
- राजू ने कुत्ते को खाना दिया।
- दुकानदार ने किशन को एक पंखा बेचा।
- विनोद ने हनी को अपनी किताबे दे दी।
- रेनू अपने दोस्तों के साथ खाना खा रही है।
- विजय ने रोहन को एक पेड़ दिया।
- रश्मि ने दुकानदार से आम ख़रीदे।
- रोशन ने अमन को पीट दिया।
- सिया ने मुझे अमरूद खिलाया।
Conclusion – इस आर्टिकल “Dvikarmak Kriya Ki Paribhasha” में हमने आपको द्विकर्मक क्रिया के बारे में बताया कि Dwikarmak Kriya Ke Bhed Kitne Hote Hain, द्विकर्मक क्रिया के उदाहरण के बारे में बताया यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें आशा करता हूं इससे आप की परीक्षा में जरूर हेल्प होगी।
FAQs About Dvikarmak Kriya Kya Hoti Hain
Q1.द्विकर्मक क्रिया क्या है ?
Ans : द्विकर्म क्रिया में दो क्रियो के होने का बोध होता है, जिसमें दो क्रियाएं होती हैं उन्हें Dvikarmak Kriya Kahate Hain
Q2. द्विकर्मक क्रिया की पहचान क्या होती है ?
Ans : द्विकर्मक क्रिया में दो कर्म का पता चलता है, उनमें दो वाक्य होते हैं।
Q3. द्विकर्मक की क्रिया में कौन से कर्म होते हैं ?
Ans : द्विकर्मक की क्रिया में कुल दो कर्म होते हैं प्राणीवाचक और कर्म निर्जीव।