Akarmak Kriya Kise Kahate Hain – अकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

Akarmak Kriya Kise Kahate Hain – क्रिया हिंदी व्याकरण के सबसे महत्वपूर्ण भाग में से एक है जो कि हम पिछले आर्टिकल में पढ़ चुके हैं इस आर्टिकल Akarmak Kriya In Hindi में हम अकर्मक क्रिया के बारे में पड़ने वाले हैं साथ ही Akarmak Kriya Ki Paribhahsa , Akarmak Kriya Ke Prakar Or Akarmak Kriya Ke Udaharan से समझेंगे। अकर्मक क्रिया भी आपके परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है अतः इसे ध्यानपूर्वक पढ़े।

Akarmak Kriya Kise Kahate Hain – अकर्मक क्रिया परिभाषा

अकर्मक क्रिया का अर्थ होता है कर्म के बिना अर्थात क्रिया का वह रूप जिसमे क्रिया द्वारा किये गए कार्य कर्म को प्रभावित नही करके कर्ता को प्रभावित करता है। जिसका अर्थ यह है कि जिस वाक्य में अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है उस वाक्य में कर्म की अनुपस्थिति होती है, उसे Akarmak Kriya Kahate Hain.

जैसे – भरना, लजाना, बदलना, ललचाना, घबराना, भूलना, खुजलाना, डोलना, मरना, फाँदना, जागना, घटना, बरसना, कूदना, उछलना  इत्यादि।

Akarmak Kriya Examples In Hindi – अकर्मक क्रिया के उदाहरण

  • तुम्हारे हाथ खुजलाते हैं।
  • राजन चिल्लाता है।
  • राधा को पानी भरना है।
  • राम जाता है।
  • रोहन नहाता है।
  • रवि रोता है।
  • बच्चा खेलता है।
  • राजा नहाता है।
  • बूद बूद करके घड़ा भरता है।
  • सोना चमकता है।
  • बच्चे खेलते हैं।
  • ट्रेन चलती है।
  • वह जाता है। 
  • वह गिरता है।
  • रवि चिल्लाता है।

ऊपर दिये गए इन वाक्यों में क्रिया का प्रभाव सीधा कर्ता पर पड़ रहा है। कोई भी प्रश्न करने से उनका उत्तर प्राप्त नही हो रहा है। अतः ऊपर दिये गये इन सभी वाक्यों में अकर्मक क्रिया का प्रयोग किया गया है।

Akarmak Kriya Ke Bhed – अकर्मक क्रिया के प्रकार

यदि हम बात करे अकर्मक क्रिया के भेदों के बारे में तो यह दो प्रकार के होते हैं जो कि निम्नलिखित दिए गए हैं-

  • अपूर्ण अकर्मक क्रिया
  • पूर्ण अकर्मक क्रिया

1. अपूर्ण अकर्मक क्रिया परिभाषा

यह अकर्मक क्रिया का वह रूप होता है जिसमे कर्ता के बारे में पूर्ण प्रबंध करने के लिए वाक्य की क्रिया के साथ किसी संज्ञा या फिर किसी विशेषण को प्रयोग करने की आवश्यकता होती है, उन क्रिया को अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते हैं।

जैसे – निकलना, दिखाना, ठहरना, निकलना, बनना, होना,  रहना इत्यादि अपूर्ण अकर्मक क्रिया के अंतर्गत आते हैं।

अपूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण

  • साधु बुरा निकला।
  • राहुल बीमार रहा।
  • आप मेरे मित्र जो ठहरे।
  • वह व्यक्ति कोरियन दिखता है।
  • रमेश बुद्धिमान है।
  • राजन बेईमान निकला।
  • दिव्या एक अच्छी लड़की है।
  • राहुल एक समझदार लड़का था।
  • बासु एक ईमानदार लड़का था।
  • समीक्षा एक होशियार लड़की थी।
  • विनोद एक जानकार लड़का था।

ऊपर दिए गए वाक्यों में कर्ता के बारे में स्पष्ट रूप से बाटने के लिए क्रिया के साथ विशेषण का प्रयोग किया गया है अतः इन सभी वाक्यो में अपूर्ण अकर्मक क्रिया का प्रयोग किया गया है।

2. पूर्ण अकर्मक क्रिया परिभाषा 

यह अकर्मक क्रिया का वह रूप होता है जिसमे क्रिया के साथ किसी भी कर्म की आवश्यकता नहीं होती है और ना ही किसी पूरक या पूर्ती शब्द की आवश्यकता होती है, इन क्रियाओं को पूर्ण अकर्मक क्रिया कहते हैं।

पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण

  • वह बालक हँस रहे हैं।
  • बच्चा हँस रहा है।
  • रामू रात भर नहीं सोया।
  • चिड़िया आसमान में उड़ती है।
  • चूहे उछल रहे हैं।
  • मेरा दोस्त सो रहा है।
  • रोहन नह रहा है। 
  • मीना स्कूल जाती है।
  • शिवम नाच रहा है।
  • मोहन भाग रहा है।
  • वह जीत रहा है।

ऊपर दिए गए सभी वाक्यों में क्रिया के साथ किसी भी कर्म की आवश्यकता नही पायी गयी है अतः यह सभी पूर्ण अकर्मक क्रिया के उदाहरण हैं।

Conclusion : हमने इस पेज पर अकर्मक क्रिया से जुड़े हुई सभी जानकारी सरल शब्दों में बताई है जैसे Akarmak Kriya Ki Paribhasha, Akarmak Kriya Ke Ang और अकर्मक क्रिया की पहचान आदि।

FAQs About Akarmak Kriya Kya Hoti Hain

Q1. अकर्मक क्रिया क्या होते हैं ?

Ans : अकर्मक क्रिया में वह शब्द जिसमें कर्त्ता और क्रिया तो होते है, लेकिन कर्म नहीं होता, ऐसी क्रिया को Akarmak Kriya Kahate Hain

Q2. अकर्मक क्रिया की पहचान क्या है ?

Ans : अकर्मक क्रिया में प्रश्न के भाव का बोध होता है और उसमें उत्तर प्राप्त नहीं होता यह Akarmak Kriya Ki Pehchan है।

Q3. अकर्मक क्रिया के नियम क्या है ?

Ans : Akarmak Kriya Ke Niyam Mein कर्म की अनुपस्थिति रहती है, अवस्था का बोध होता है और क्रिया के विषय शामिल होता है।

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