Virodhabhas Alankar Kise Kahate Hain – विरोधाभाष अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण

Virodhabhas Alankar Kise Kahate Hain – विरोधाभाष का अर्थ होता है किसी बात का विरोध करना अर्थात इस अलंकार में किसी बात के विरोध होने का आभाष होता है। अब हम इस आर्टिकल Virodhabhas Alankar In Hindi में Virodhabhas Alankar Ki Paribhasha, Niyam Aur Udaharan के बारे में समझने वाले हैं। विरोधाभाष अलंकार के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में मिल जायेगी।

Virodhabhas Alankar Kise Kahate Hain -विरोधाभाष अलंकार की परिभाषा

जहाँ पर किसी वस्तु का वर्णन करते समय विरोध न करते हुए भी विरोध का आभाष होता है तो वहां पर विरोधाभाष अलंकार पाया जाता है।

Virodhabhas Alankar Examples In Hindi – विरोधाभाष अलंकार के उदाहरण

उदाहरण –

बैन सुन्या जबतें मधुर, तबतें सुनत न बैन।

उदाहरण –

आग हूँ जिससे ढुलकते बिंदु हिमजल के।

शून्य हूँ जिसमें बिछे हैं पांवड़े पलकें।

उपरोक्त दिये गए उदाहरण में कहा गया है कि मैं आग हूँ जिससे वर्फ़ के गोले निकलते हैं जो कि सम्भव नहीं है अतः यह एक दूसरे के विरोधाभासी हैं इसलिए यहाँ पर विरोधाभाष अलंकार होगा।

Conclusion – विरोधाभाष अलंकार में अलंकार का उपयोग किसी रहस्य किसी छुपे रहस्य को बताने और उनके भाव को प्रकट करने के बारे में होता है यहां पर आप विरोध भाषा अलंकार की परिभाषा के साथ उनकी विशेषताओं को भी पढ़ सकते हैं

FAQs About Virodhabhas Alankar Kya Hai In Hindi

Q1. विरोधाभाष अलंकार क्या है ?
Ans : विरोधाभाष अलंकार में जब किसी वस्तु का प्रतीत करते हुए विरोध का आभास होता है लेकिन वह विरोधी नहीं होता उसे Virodhabhas Alankar Kahate Hain

Q2. विरोधाभाष अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Virodhabhas Alankar Ka Uddeshya ऐसी बात का वर्णन करना होता है जो की सत्य होती है इसमें दो भावो को प्रकट करते है।

Q3. विरोधाभाष अलंकार के उदाहरण बताइए
Ans : Virodhabhas Alankar Ka Udaharan – दोहा

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय।।

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