Asangati Alankar Kise Kahate Hain – असंगति का अर्थ होता है किसी से संगति का न होना। असंगति अलंकार अर्थालंकार के अंतर्गत आता है। इस लेख “Asangati Alankar In Hindi” में आप Asangati Alankar Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में बताने जा रहे हैं।
Asangati Alankar Kise Kahate Hain – असंगति अलंकार की परिभाषा
जहाँ पर जो कारण होता है कार्य भी वही होता है, यदि हाथ मे चोट लगती है तो दर्द भी हाथ मे ही होना चाहिए। परन्तु यदि कारण और कार्य समान नहीं होते है तो वहाँ पर असंगति अलंकार होता है। असंगति का अर्थ होता है किसी से भी संगति न होना।
Asangati Alankar Examples In Hindi – असंगति अलंकार के उदाहरण
तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
उपरोक्त दिए गए वाक्य में बताया गया है कि मेंहदी पैरो में लगाई गई परन्तु मेहदी को आंखों से देखकर उसका परिणाम निश्चित किया जा रहा है इसलिए यहाँ पर असंगति अलंकार होगा।
पिचका चलाइ और जुवती भिजाइ नेह,
लोचन नचाइ मेरे अंगहि नचाइ गौ।।
Conclusion – असंगति अलंकार का उपयोग दो प्रकार के कथन और घटनाओं को परिभाषित करने और प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है। इस पेज Asangati Alankar Udaharan Sahit पर असंगति अलंकार के बारे में सारी जानकारी दी गई है
FAQs About Asangati Alankar Paribhasha In Hindi
Q1. असंगति अलंकार क्या है ?
Ans : असंगति अलंकार जिसमें कारण कहीं और होता है और कार्य कहीं और होता है उसे Asangati Alankar Kahate Hain इसमें दो घटनाओं को प्रस्तुत किया जाता है।
Q2. असंगति अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Asangati Alankar Ka Uddeshya किसी पाठक को आश्चर्यजनक बनाने और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना होता है।
Q3. असंगति अलंकार की पहचान क्या होती है ?
Ans : असंगति अलंकार में करण और कार्य एक समान नहीं होते, उनमें असंगति का कोई संबंध नहीं होता, वह असंगति अलंकार होता है।