उल्लेख अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण

उल्लेख अलंकार, अर्थालंकार का भेद होता है, उल्लेख अलंकार में एक वस्तु को अनेक भागों में बांटा जाता है। इस लेख में आप उल्लेख अलंकार की परिभाषा तथा उल्लेख अलंकार के भेद के बारे में पढ़ेंगे। उल्लेख अलंकार की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट में मिल जाएगी।

उल्लेख अलंकार की परिभाषा

जब किसी वस्तु में कई भागों में ग्रहण किया जाता है, तो उस वस्तु को कई भागों में बांटा जाता है इसी को अलग अलग भागो में बाटने को उल्लेख अलंकार कहा जाता है। अर्थात इस अलंकार में किसी वस्तु का वर्णन अनेक प्रकार से किया जाता है।

उल्लेख अलंकार के उदाहरण

हरीतिमा का सुविशाल सिंधु-सा।

मनोज्ञता की स्मरणीय भूमि-सा।

विचित्रता का शुभ सिध्द पीठ-सा।

प्रशांत वृन्दावन दर्शनीय था।

तू रूप है किरण में, सौन्दर्य है सुमन में,

तू प्राण है पवन में, विस्तार है गगन में।

उपरोक्त अलंकार में एक ही कि तुलना कई बार की जा रही है, इसकी तुलना कभी रूप से हो रही है, कभी सौंदर्य से हो रही है, कभी प्राण से हो रही है तो कभी विस्तार अथवा फैलाव से की जा रही है अतः यहाँ पर एक वस्तु अथवा व्यक्ति की तुलना कई प्रकार से की जा रही है अतः यहाँ पर उल्लेख अलंकार होगा।

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको उल्लेख अलंकार के बारे में उदाहरण सहित समस्त जानकारी प्रदान की है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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