Utpreksha Alankar Kise Kahate Hain – उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

Utpreksha Alankar Kise Kahate Hain – उत्प्रेक्षा अलंकार, अर्थालंकार के अंतर्गत आता है, अलंकार का प्रयोग काव्य की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है। जिसका एक भाग शब्दालंकार तथा दूसरा भाग अर्थालंकार होता है जिसका एक भेड़ उत्प्रेक्षा अलंकार भी होता है। इस लेख Utpreksha Alankar In Hindi में हम Utpreksha Alankar Ki Paribhashan Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ेंगे।

Utpreksha Alankar Kise Kahate Hain – उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा

जहाँ पर अलंकार में उपमान के उपस्थित न होने पर उपमेय को उपमान के रूप में मान लिया जाता है, अर्थात जहाँ पर अनुपस्थिति में भी उपस्थिति को मान लिया जाता है उसे Utpreksha Alankar Kahate Hain

Utpreksha Alankar Example In Hindi – उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण

सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात

मनौ नीलमणि सैल पर आतप परयो प्रभात। ।

Utpreksha Alankar Ke Bhed – उत्प्रेक्षा अलंकार के प्रकार

  • वस्तुप्रेक्षा अलंकार
  • हेतुप्रेक्षा अलंकार
  • फलोत्प्रेक्षा अलंकार

1. वस्तुप्रेक्षा अलंकार

जब उत्प्रेक्षा अलंकार में प्रस्तुति में अप्रस्तुति कई संभावना को दिखाया जाता है तो वहाँ पर वस्तुप्रेक्षा अलंकार होता है।

उदाहरण-

”सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल।

बाहर लसत मनो पिये, दावानल की ज्वाल।।”

2. हेतुप्रेक्षा अलंकार

जब उत्प्रेक्षा अलंकार में अहेतु में हेतु की संभावना को दर्शाया जाता है अर्थात वास्तविक कारण को छोड़कर अन्य किसी कारण को प्रभाव दिया जाता है वहाँ पर हेतुप्रेक्षा अलंकार होता है।

3. फलोत्प्रेक्षा अलंकार

जब उत्प्रेक्षा अलंकार में वास्तविक फल के न होने पर भी उस फल की कल्पना करके उसे ही फल मान लिया जाता है तो वहाँ पर फलोत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

उदाहरण –

खंजरीर नहीं लखि परत कुछ दिन साँची बात।

बाल द्रगन सम हीन को करन मनो तप जात।।

Conclusion – उत्प्रेक्षा अलंकार का उपयोग किसी वस्तु से तुलना करके उसकी कल्पना की जाती है, Utpreksha Alankar Ka Arth ही होता है – कल्पना करना, यहां पर आप Utpreksha Alankar Ke Lakshan, Niyam Aur Udaharan पढ़ सकते हैं .

FAQs About Utpreksha Alankar Kya Hai In Hindi 

Q1. उत्प्रेक्षा अलंकार क्या होता है ?

Ans : जिस अलंकार में उपमान नहीं होता और उसे स्थिति में उपमेय को उपमान मान लिया जाता है तो उसे Utpreksha Alankar Kahate Hain

Q2. उत्प्रेक्षा अलंकार के लक्षण क्या होते हैं ?

Ans : उत्प्रेक्षा अलंकार में उपमेय में और उपमान की तुलना की जाती है और इसमें कल्पनात्मक रूप से वास्तविकता को प्रकट किया जाता है। 

Q3. उत्प्रेक्षाअलंकार की पहचान क्या होती है ?

Ans : उत्प्रेक्षा अलंकार में तुलना के साथ कल्पना की बात की जाती है,जो संभव होना ना के  बराबर होती है। 

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