Rupak Alankar Kise Kahate Hain – रूपक अलंकार अर्थालंकार का सबसे महत्वपूर्ण भेद होता है, इस अलंकार में तुलना करने का भाव उत्तपन्न होता है। इस लेख Rupak Alankar In Hindi में हम Rupak Alankar Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ेंगे तो इस लेख से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे पूरा जरूर पढ़ें।
Rupak Alankar Kise Kahate Hain – रूपक अलंकार की परिभाषा
हिंदी व्याकरण का ऐसा अलंकार जिसमे गुणों की समानता के कारण उपमेय तथा उपमान में कोई भी समानता ना पायी जाए अथवा दोनो में अभिन्नता पायी जाए तो वह अलंकार रूपक अलंकार कहलाता है।
साधारण भाषा में कहे तो जब इनके गुणों में भिन्नता नही पायी जाती है तथा उपमेय को ही उपमान समझ लिया जाता है वह रूपक अलंकार कहते हैं।
Rupak Alankar Examples In Hindi – रूपक अलंकार के उदाहरण
उदित उदय गिरी मंच पर, रघुवर बाल पतंग।
विगसे संत-सरोज सब, हरषे लोचन भ्रंग।
Rupak Alankar Ke Bhed In Hindi – रूपक अलंकार के प्रकार
रूपक अलंकार के तीन भेद होते हैं-
- सम रूपक अलंकार
- अधिक रूपक अलंकार
- न्यून रूपक अलंकार
1. सम रूपक अलंकार
रूपक अलंकार का ऐसा भेद जिसमे उपमेय तथा उपमान में समानता पायी जाती है तो वहाँ पर सम रूपक अलंकार होता है।
उदाहरण –
बीती विभावरी जागरी
अम्बर-पनघट में डुबा रही, तारघट उषा – नागरी।
2. अधिक रूपक अलंकार
रूपक अलकार का ऐसा भेद जिसमे उपमान की तुलना में उपमेय के बोध में न्यूनता दिखाई जाती है अधिक रूपक अलंकार खहलाता है।
3. न्यून रूपक अलंकार
रूपक अलंकार का ऐसा भेद जिसमे उपमेय को उपमान की तुलना में न्यूनतम दर्शाया जाता है न्यून रूपक अलंकार कहलाता है।
उदाहरण –
जनम सिन्धु विष बन्धु पुनि, दीन मलिन सकलंक
सिय मुख समता पावकिमि चन्द्र बापुरो रंक।।
Conclusion – रूपक अलंकार का उपयोग किसी प्रकार की वस्तु या व्यक्ति को समान रूप से प्रकट करने के लिए किया जाता है, यह संबंध को दर्शाते हैं यहां पर Rupak Alankar Ki Paribhasha के साथ Rupak Alankar Ke Niyam और विशेषताएं आदि बताई गई है।
FAQs About Rupak Alankar In Hindi
Q1. रूपक अलंकार क्या होते हैं ?
Ans : वह अलंकार जिसमें उपमेय और उपमान के बीच किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं होता है उनके अंतर को समाप्त कर दिया जाता है उसे Rupak Alankar Kahate Hain
Q2. रूपक अलंकार की विशेषताएं क्या है ?
Ans : Rupak Alankar Ki Visheshta –
- रूपक अलंकार में उपमेय में उपमान का रूप होता है
- वाचक पद का लोप होता है
- उपमेय का वर्णन किया जाता है
Q3. रूपक अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Rupak Alankar Ka Uddeshya कविता में सौन्दर्य को बढ़ाने और वाक्य को सटीक रूप से प्रकट करने होता है।