Sangya Kise Kahate Hain In Hindi – जब कोई शब्द किसी प्राणी , वस्तु , स्थान , गुण या भाव के नाम का बोध करवाए तो उसे Sangya Kahate Hain
Sangya Examples In Hindi – Sangya Ke Udaharan
जैसे – संज्ञा में प्राणियों का अर्थ – तोता , छिपकली , गाय , राकेश , सुमन आदि।
- संज्ञा में वस्तुओ का अर्थ या नाम – सेब , मोबाइल , किताब , बंदूक , आदि।
- संज्ञा में स्थानों के नाम – शिमला , दिल्ली , भारत, बिहार आदि
- संज्ञा में भावों के नाम- वीरता , बुढ़ापा , मिठास , कड़वाहट , खटास आदि
संज्ञा में ‘वस्तु’ शब्द का प्रयोग बहुत व्यापक अर्थ में होता है, ‘वस्तु’ शब्द केवल वाणी और पदार्थ का वाचक ही नहीं अपितु उनके धर्मों का सूचक भी है। साधारण शब्दों में संज्ञा में ,वस्तु, शब्द का प्रयोग इस अर्थ में नहीं होता, वरन ‘वस्तु’ शब्द के अंतर्गत प्राणी,
पदार्थ और धर्म आते हैं और इन्हीं के आधार पर Sangya Ke Aang हैं।
Sangya Ke Bhed In Hindi – संज्ञा के प्रकार
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun)
- जातिवाचक संज्ञा (common noun)
- भाववाचक संज्ञा (abstract noun)
- समूहवाचक संज्ञा (collective noun)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (material noun)
(1) व्यक्तिवाचक संज्ञा – किसी विशेष व्यक्ति स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध करवाने वाले शब्द को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं जैसे –
- वहां सूरज बस का इंतजार कर रहा है
- भारत के प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी है
- राम और श्याम चचेरे भाई है
- सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न मिला
ऊपर लिखी गई पंक्तियों में सूरज, नरेंद्र मोदी, राम-श्याम और सचिन तेंदुलकर व्यक्तिवाचक संज्ञा के व्यक्ति शब्द के नाम के कुछ उदाहरण हैं।
वस्तु का नाम – जब कोई पंक्ति या वाक्य किसी वस्तु के नाम का बोध करवाए तो वह व्यक्तिवाचक संज्ञा के वस्तु शब्द के अंतर्गत आते है जैसे
- यह उसकी कार है
- मैंने चार किलो चीनी खरीदी
- गीता और रामायण हिन्दू धर्म की धार्मिक पुस्तकें है
ऊपर लिखित शब्द कार, चिनी, गीता और रामायण किसी वस्तु के नाम का बोध करवा रहे हैं इसलिए यह व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आएंगे।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण –
- स्थान का नाम- शिमला , दिल्ली , भारत, बिहार आदि
- दिशाओं के नाम- उत्तर, पश्र्चिम, दक्षिण, पूर्व।
- देशों के नाम- भारत, रूस, अमेरिका, बंगलादेश, बर्मा।
- राष्ट्रीय जातियों के नाम- भारतीय, बिहारी, नेपाली, रूसी, अमेरिकी।
- दिनों, महीनों के नाम- मई, अक्तूबर, जनवरी, फरबरी, जुलाई, सोमवार, मंगलवार।
- उत्सवों के नाम- होली, राम-नवमी, दीवाली, रक्षाबन्धन, शिवरत्रि, विजयादशमी।
(2) जातिवाचक संज्ञा – जब किसी
वाक्य या पंक्ति में किसी ‘शब्द’ के प्रयोग से किसी जाति के सभी प्राणियों का बोध हो जाए तो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं जैसे लड़की, पक्षी, नदी, पहाड़, आदि।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण –
बुड्ढा, अध्यापक, शहर, गांव, पहाड़, दरवाजा, मोटरसाइकिल, जानवर, पक्षी, आदि शब्द किसी एक ही प्रकार के प्राणी, वस्तु अथवा स्थान का बोध करवा रहे हैं इसलिए इसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाएगा।
(3) भाववाचक संज्ञा – जब किसी शब्द के प्रयोग से किसी प्राणी, स्थान, वस्तु अथवा पदार्थ के गुण, स्वभाव, या अवस्था का बोध हो तो उसे भाववाचक संज्ञा का नाम दिया जाता है।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण –
निरंतरता, खटास, जवानी, अमीरी, गरीबी, दुख-सुख, उतराई-चढ़ाई, डरपोक, साहसी आदि शब्द किसी प्राणी के भाव, गुण तथा क्रिया का बोध करवा रहे हैं इसलिए इन्हें भाववाचक संज्ञा कहा जायेगा।
जातिवाचक संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम और अवयव आदि शब्द मिलकर भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण करते हैं, भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते समय शब्दों के अंत में हमेशा पन, त्व, ता आदि शब्दों का उपयोग किया जाता है।
जैसे– पहाड़, हिमाचल, वस्तु, समुंद्र, मनुष्य, देश आदि।
- ‘पहाड़’ से हिमालय, k2, सतपुड़ा, विंध्यांचल, जास्कर, आदि सभी ‘पहाड़ों’ का बोध होता है, इसलिए ‘पहाड़’ शब्द जातिवाचक संज्ञा में आएगा।
- ‘हिमाचल’ से शिमला, कुल्लू, मनाली, धर्मशाला आदि सभी जाति का बोध होता है, इसलिए यह भी एक जातिवाचक संज्ञा का रूप है।
- ‘वस्तु’ से मकान, पुस्तक, पेन , मेज, टेलेविज़न आदि सभी जाति की वस्तुओं का बोध होता है, इसलिए यह भी एक जातिवाचक संज्ञा का रूप है।
- ‘समुंद्र’ से संसार के सभी समुन्द्रों का बोध होता है, इसलिए यह भी एक जातिवाचक संज्ञा का रूप है।
इसी प्रकार से मनुष्य शब्द से संसार की समस्त मनुष्य जाति का बोध होगा और देश शब्द से संसार के सभी देशों का बोध होगा इसलिए यह शब्द भी जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं।
(4) समूहवाचक संज्ञा – जब किसी शब्द से वस्तुओं के समुदाय का बोध हो तो उसे समूहवाचक संज्ञा का नाम दिया जाता है जैसे – छात्रों का समूह, सभा, बैठक, वस्तुओं का समूह, गुच्छा आदि।
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण –
- छात्रों का समूह – इस शब्द से किसी स्कूल में पढ़ रहे बहुत सारे छत्रों के समुदाय या समूह का बोध हो रहा है इसलिए यह एक समूहवाचक संज्ञा है।
- सभा – सभा शब्द से किसी ऐसे समुदाय या समूह का बोध हो रहा है जहाँ पर बहुत सारे लोग मिलकर बैठे हुए हैं और किसी विषय पर चर्चा कर रहे है, समुदाय या समूह में बैठे होने के कारण ‘सभा’ शब्द एक समूहवाचक संज्ञा है।
- वस्तुओं का समूह – इस शब्द से एक ऐसे स्थान का बोध हो रहा है जहाँ बहुत सारी वस्तुएं एक साथ रखी गई है जैसे – किसी दुकान में बहुत सारे ‘मेज’ वस्तुओं(मेजों) का समूह में होने के कारण यह एक समूहवाचक संज्ञा है।
- गुच्छा – बहुत सारी चावीओं को एक साथ बांधकर रखने पर उन्हें गुच्छे का नाम दिया जाता है, चुकीं बहुत सारी वस्तुएं (चावियां) समूह में है इस कारण ‘गुच्छे’ शब्द को समूहवाचक संज्ञा कहा जाएगा।
(5) द्रव्यवाचक संज्ञा – जब किसी शब्द से किसी धातु, द्रव या पदार्थ का बोध किया जाए तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है जैसे, – सोना, लोहा, चीनी आदि। साधारण शब्दों में जिस संज्ञा से नापतोल वाली वस्तुओं का बोध किया जाए उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण –
चावल – इस शब्द में किसी नापतोल वाली वस्तु का बोध हो रहा है इसलिए यह एक द्रव्यवाचक संज्ञा है।
Conclusion : हिंदी व्याकरण में संज्ञा सबसे महत्वपूर्ण विषय में से एक है, जो संज्ञा के बारे में सीखना चाहते हैं वह यहां Sangya Ki Paribhasha, Sangya Ke Bhed और Sangya Ke Udaharan देख सकते हैं.
FAQs About Sangya Ki Paribhasha Hindi Mein
Q1. संज्ञा क्या होती है ?
Ans : संज्ञा एक ऐसा शब्द होता है जो किसी व्यक्तिm वस्तु, स्थान आदि के नाम को प्रकट करती है उसे Sangya Kahate Hain
Q2. संज्ञा का दूसरा नाम क्या है ?
Ans : Sangya Ka Dusra Naam है “नामकरण शब्द” क्योंकि यह किसी नाम को प्रकट करती है।
Q3. संज्ञा के 3 उदाहरण बताइए ?
Ans : Sangya Ke 3 Udaharan –
- रमेश एक बुद्धिमान लड़का है।
- यह बोतल टेबल पर रख दो।
- महक एक सुंदर लड़की है।