Bhakti Ras Kise Kahate Hain – भक्ति रस का प्रयोग ईश्वर के प्रति समर्पण तथा अनुभूति के लिए किया जाता है। अब हम Bhakti Ras Ki Paribhasha, Bhed Aur Avyay के बारे में पढ़ेंगे। भक्ति रस की विषय वस्तु में ईश्वर के प्रति समर्पण, देव महिमा,
ईश्वर का पराक्रम एवं उनकी शक्ति के साथ भक्त की भक्ति सम्मलित होती है। भक्ति रस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
Bhakti Ras Kise Kahate Hain – भक्ति रस की परिभाषा
जब काव्य में ईश्वर की भक्ति एवं महिमा का वर्णन किया जाए तो वहा पर भक्ति रस होता है। जब काव्य में ईश्वरीय कृपा, चमत्कार भक्तों की भक्ति का वर्णन सुनने के बाद ह्रदय में जो भाव उत्पन्न होता है, वह भक्ति रस कहलाता है। भक्ति रस का स्थायी भाव रति अथवा प्रेम होता है।
Bhakti Ras Examples In Hindi – भक्ति रस के उदाहरण
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी
जाकी अंग-अंग बास समानी।
व्याख्या
ऊपर दी गई पंक्तियों में भक्त के द्वारा अपने ईश्वर को चंदन तथा स्वयं को पानी बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि जिस प्रकार पानी मे चन्दन के होने से उसका महत्व बढ़ जाता है ठीक उसी प्रकार आपकी भक्ति करने से मेरे अंदर आप हर एक अंग में समाहित हो गए हैं।
Bhakti Ras Avyay In Hindi – भक्ति रस के अवयव
- स्थाई भाव :- रति (प्रेम), दास्य, अनुराग इत्यादि।
- अनुभाव :- सेवा, कीर्तन, अर्चन, गुणगान, वंदना, गुण, जय-जयकार, श्रवण, स्तुति वचन, कृतज्ञता-प्रकाशन, प्रिय के लिए कष्ट सहना, प्रार्थना, शरणागति, शोक, हर्ष, अश्रु, रोमांच, कंप।
- संचारी भाव :- हर्ष, गर्व, आशा, धृति, स्तुति, विस्मय, उत्सुकता, हार, उत्साह, लज्जा, भय, निर्वेद, विश्वास, आशंका, संतोष।
- आलंबन :- भगवान तथा पूज्य व्यक्ति के प्रति श्रद्धा तथा समर्पण।
- उद्दीपन :- श्रवण, सत्संग, स्मरण, महानता के कार्य, उपकारों का स्मरण, कृपा, दया तथा उनके कष्ट।
नोट- भक्ति रस श्रृंगार रस से काफी अलग है क्योंकि इस रस में केवल ईस्वर के प्रति प्रेम व श्रद्धा वर्णन किया जाता है।
Conclusion – भक्ति रस से जुड़ी हुई सभी जानकारी आप इस पेज Bhakti Ras In Hindi पर जान सकते हैं यहाँ पर हमने बताया है Bhakti Ras Kise Kahate Hain, Bhakti Ras Ke Bhed, Udaharan आदि।
FAQs About Bhakti Ras Kya Hai In Hindi
Q1. भक्ति रस किसे कहते हैं ?
Ans : जब किसी काव्य में भगवान और ईश्वर के प्रति भक्ति का वर्णन किया जाता है, उसे Bhakti Ras Kahate Hain.
Q2. भक्ति रस का स्थायी भाव क्या होता है
Ans : भक्ति रस स्थायी भाव अनुराग और प्रेम होता है।
Q3. भक्ति रस की पहचान क्या होती है ?
Ans : भक्ति रस में भगवान के प्रति उनकी महिमा को दर्शाया जाता है, जो की भक्ति रस की पहचान है।