गद्य काव्य की परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

आज के इस आर्टिकल में आप गद्य काव्य के बारे में पढ़ने जा रहे हैं, यह काव्य का एक प्रमुख भाग है, इस लेख में आप गद्य काव्य की परिभाषा एवं गद्य काव्य के प्रकार के बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ेगें तो इस आर्टिकल को पूरा तक जरूर पढ़ें।

गद्य काव्य की परिभाषा

हमारे दैनिक जीवन में हम लोग जो भी बातचीत करते हैं, किसी को प्रार्थना पत्र लिखते हैं या फिर पत्र लिखकर अपने विचार व्यक्त करते हैं, इन सब मे हम जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं वह भाषा का गद्य रूप कहलाता है।

गद्य की भाषा सरल होती है तथा समझने में आसान होती है। गद्य की भाषा सरल होने के कारण विचारों को गद्य के रूप में आसानी से व्यक्त किया जा सकता है। जिस कारण से गद्य का प्रयोग पद्य की अपेक्षा बहुत अधिक किया जाता है।

निबन्ध, उपन्यास, कहानी, समाचार पत्र, यात्रा वृत्तांत, सम्पादन इत्यादि में गद्य का ही प्रयोग किया जाता है।

गद्य काव्य के अवयव

गद्य के मुख्यतया तीन प्रकार के अवयव होते हैं-

  • विचार तत्व
  • भाषा
  • शैली

1. विचार तत्व

विचार तत्व किसी भी गद्य रचना के लिए महत्वपूर्ण तत्व होता है, फिर वह उपन्यास हो, कहानी हो अथवा निबंध हो। विचार तत्व के द्वारा लिखी गयी रचना का उद्देश्य के बारे में जानकारी होती है।

2. भाषा

भाषा किसी भी रचना के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होती है, भाषा किसी रचना के विषय वस्तु के चुनाव पर आधारित होती है, यहा पर भाषा का सम्बंध विचारों से है अतः यह परिस्थितियों पर आधारित होती है।

3. शैली

शैली भी गद्य रचना के सबसे महत्वपूर्ण अंगो में से एक है तथा इसका रचना में एक अलग स्थान होता है। अलग अलग शैली होने के कारण एक ही विषय पर लिखी गई रचनाएं अलग अलग हो जाती है।

हिंदी व्याकरण में शैली को भी कई प्रकार से विभाजित किया गया है-

वर्णनात्मक शैली

वर्णनात्मक शैली के अंतर्गत किसी व्यापार अथवा किसी वस्तु के बारे मे वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक शैली

विचारात्मक शैली के द्वारा लेखक अपने विचारों को पाठकों तक पहुचाने का प्रयास करता है।

कथात्मक शैली

कथात्मक शैली का मुख्य उद्देश्य अपने विचारों को कहानी के माध्यम से पाठकों तक पहुचाने का प्रयास होता है।

भावात्मक शैली

भावात्मक शैली के द्वारा करुणा, क्रोध, खुशी, दुःख इत्यादि।

गद्य साहित्य की प्रमुख विधाए

हिंदी व्याकरण में गद्य को चार प्रकार से विभाजित किया जा सकता है-

  • कथा साहित्य
  • नाटक
  • निबन्ध
  • नवीन विधाए

1. कथा साहित्य

कथा साहित्य के अंतर्गत हम कहानी, लघु कथा व उपन्यास  इत्यादि के बारे में पढ़ते हैं।

उपन्यास

उपन्यास के अंतर्गत किसी के जीवन और समाज मे घटने वाली घटनाओं के बारे में वर्णन किया जाता है। उपन्यास में किसी भी रचना का वर्णन कहानी की तुलना में अधिक विस्तृत रूप में किया जाता है।

कहानी

समाज से जुड़ा हुआ किसी के जीबन का सुंदर व सुसज्जित ढंग से किया गया वर्णन कहानी कहलाता है।

2. नाटक

नाटक भी कहानी का हिस्सा होता है तथा इसमें कहानी प्रमुख होती है परन्तु नाटक में कहानी के जैसे सभी घटनाओं का वर्णन नही होता है इसमें नाटककारों के माध्यम से समझाने का प्रयास करते हैं।

3. निबन्ध

निबंध को गद्य लेखन का सबसे महत्वपूर्ण भाग माना जाता है निबंध का सामान्य अर्थ होता है बंधन मुक्त रचना। अर्थात जिस रचना को लिखते समय विचारों पर कोई बंधन नही होता है। निबंध सिर एक विषय पर केंद्रित होकर लिखा जाता है।

4. नवीन विधाए

संस्मरण

किसी स्थान या फिर किसी व्यक्ति का स्मरण ही संस्मरण कहलाता है, किसी व्यक्ति अथवा किसी जगह से अधिक जुड़ाव होने के कारण उन घटनाओं तथा यादो का वर्णन इसमे किया जाता है।

यात्रा वृतांत

यात्रा वृतांत में लेखक किसी पहाड़, देश अथवा किसी दूसरे स्थान पर की गई अपनी यात्रा के अनुभव बारे में वर्णन करता है, यह यात्रा वृतांत कहलाता है।

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