Vyatirek Alankar Kise Kahate Hain – व्यतिरेक का अर्थ होता है आधिक्य, व्यतिरेक अलंकार में उपमेय की समानता उपमान से अधिक बतायी जाती है, व्यतिरेक अलंकार अर्थालंकार के अंतर्गत आता है। इस लेख Vyatirek Alankar In Hindi में हम Vyatirek Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit पढ़ने वाले हैं। व्यतिरेक अलंकार की समस्त जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी।
Vyatirek Alankar Kise Kahate Hain – व्यतिरेक अलंकार की परिभाषा
जिस अलंकार में किसी कारण को बताते हुए उपमेय में अधिक गुण होने के कारण उपमेय को उपमान से अधिक श्रेष्ठ बताया जाता है, वहाँ पर व्यतिरेक अलंकार होता है। व्यतिरेक का सामान्य अर्थ होता है आधिक्य। इस अलंकार में किसी कारण का होना आवश्यक होता है।
Vyatirek Alankar Examples In Hindi – व्यतिरेक अलंकार उदाहरण
का सरवरि तेहिं देउं मयंकू।
चांद कलंकी वह निकलंकू।।
उपरोक्त दिए गये इस वाक्य में नायिका के मुख की तुलना चंद्रमा से नही की जा सकती है क्योंकि चंद्रमा में दाग है तथा नायिका का मुख बेदाग व निष्कलंक है इसलिए यहा पर उपमेय को उपमान से अधिक श्रेष्ठ माना गया है अतः यहाँ पर व्यतिरेक अलंकार होगा।
Conclusion – व्यतिरेक अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है, आधिक्य जिसमें उपमेय में अपमान को अधिक श्रेष्ठ बताया जाता है यहां पर आप Vyatirek Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit पढ़ सकते हैं।
FAQs About Vyatirek Alankar Kya Hai In Hindi
Q1. व्यतिरेक अलंकार क्या होता है ?
Ans : व्यतिरेक अलंकार, वह अलंकार होते हैं जिसमें किसी वस्तु को दूसरे वस्तु से तुलना करने पर दूसरी वस्तु को अधिक स्पष्ट और अर्थपूर्ण बताया जाता है, उसे Vyatirek Alankar Kahate Hain.
Q2. व्यतिरेक अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Vyatirek Alankar Ka Uddeshya वस्तु और व्यक्ति के गुण को दर्शना होता है यह उनकी विशेषताओं के बारे में होता है।
Q3. व्यतिरेक अलंकार की पहचान क्या होती है ?
Ans : व्यतिरेक अलंकार में अधिक स्पष्ट और प्रभावी रूप से उपमान से उपमेय को अधिक सच्चा माना जाता है।