Prateep Alankar Kise Kahate Hain – इस लेख “Prateep Alankar Udaharan Sahit” में हम प्रतीप अलंकार के बारे में समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं, प्रतीप का अर्थ होता है उल्टा अथवा विपरीत। प्रतीप Prateep Alankar Ki Paribhasha, Prakar Aur Udaharan के बारे में समझने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
Prateep Alankar Kise Kahate Hain – प्रतीप अलंकार की परिभाषा
ऐसा अलंकार जहाँ पर उपमा के अंगों में उलटफेर किया जाता है अर्थात उपमेय को उपमान के बराबर न मानकर उपमान को ही उपमेय मान लिया जाता है उसे Prateep Alankar Kahate Hain
Prateep Alankar Examples In Hindi – प्रतीप अलंकार के उदाहरण
बिदा किये बहु विनय करि, फिरे पाइ मनकाम।
उतरि नहाये जमुन-जल, जो शरीर सम स्याम।।
उपर्युक्त दिए गए काव्य में श्यामल शरीर की तुलना यमुना नदी के नीले पानी से हो रही है परन्तु यहाँ पर श्री राम जी के श्यामल शरीर के जैसा ही यमुना नदी का पानी वताया जा रहा है अतः यह एक प्रतीप अलंकार का उदाहरण है।
गर्व कर रघुनन्दन जिन मन माह ।
देखउ आपनि मूरति सिय के छाँह ॥
Conclusion – प्रतीप अलंकार भावों को उलट तरीके से रखना और रचना के भाव को प्रकट करने में किया जाता है यहां पर Prateep Alankar Ki Paribhasha Aur Udaharan के साथ कई उदाहरण बताए गए हैं।
FAQs About Prateep Alankar In Hindi
Q1. प्रतीप अलंकार क्या है ?
Ans : वह अलंकार जिसमें में उलटबाजी होती है यानी की उपमेय को उपमान ना मानकर उपमान को ही उपमेय के रूप में जाना जाता है, उसे Prateep Alankar Kahate Hain
Q2. प्रतीप अलंकार का अर्थ क्या होता है ?
Ans : Prateep Alankar Ka Shabdik Arth उल्टा या विपरीत होता है यह उपमा अलंकार के बिल्कुल विपरीत रूप में होता है।
Q3. प्रतीप अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Prateep Alankar Ka Uddeshya किसी प्रकार की वस्तु या भाव को उसके विपरीत रूप में दर्शना होता है।