Gitika Chhand Kise Kahate Hain – गीतिका छंद एक सम मात्रिक छन्द है इस लेख “Gitika Chhand In Hindi” में हम आपको Gitika Chhand Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में बताने जा रहे हैं। गीतिका छंद के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिये इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Gitika Chhand Kise Kahate Hain – गीतिका छंद की परिभाषा
गीतिका छंद में चार चरण होते हैं, तथा इसके प्रत्येक चरण में 14 तथा 12 के क्रम में कुल 26 मात्राएँ पाई जाती हैं तथा इसके चरणों के अंत मे गुरु स्वर और लघु स्वर होते हैं।
Gitika Chhand Examples In Hindi – गीतिका छंद के उदाहरण
हे प्रभु आनंद दाता ज्ञान हमको दीजिये।
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये।
लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बने।
ब्रह्मचारी, धर्मरक्षक वीर व्रतधारी हम बनें।
खोजते हैं साँवरे को,हर गली हर गाँव में।
आ मिलो अब श्याम प्यारे,आमली की छाँव में।।
आपकी मन मोहनी छवि,बाँसुरी की तान जो।
गोप ग्वालों के शरीरोंं,में बसी ज्यों जान वो।।
उपर्युक्त दिए गए छन्द में चार चरण दिए गए हैं जिसमे 14 तथा 12 के क्रम में कुल 26 मात्राएँ है अतः यह एक गीतिका छन्द का उदाहरण है।
Conclusion – गीतिका छंद सम मात्रिक छंद का एक अंग होता है, यहां पर आप Gitika Chhand Ki Paribhasha, Gitika Chhand Ke Bhed Aur Udaharan नियम के साथ पढ़ सकते हैं यह विषय हर छात्र के लिए उपयोगी है .
FAQs About Gitika Chhand Kya Hai In Hindi
Q1. गीतिका छंद क्या है ?
Ans : गीतिका छंद कई पदों का एक सम मात्रिक छंद होता है और इसकी यति में कुल 26 मात्राएं होती है इस छंद के अंत में लघु और गुरु का होना जरूर होता है, ऐसे छंद को Gitika Chhand Kahate Hain
Q2. गीतिका छंद में कुल कितनी मात्राएं होती है ?
Ans : गीतिका छंद में कुल 26 मात्राएं होती हैं और यह दो क्रमो में होती है 14 और 12 के क्रम में।
Q3. गीतिका छंद के नियम क्या है ?
Ans : गीतिका छंद में चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण के अंत में लघु और गुरु होते हैं।