Chaupai Chhand Kise Kahate Hain – चौपाई छन्द चार चरणों वाला एक सम मात्रिक छन्द होता है, चौपाई छन्द, छन्द के सबसे महत्वपूर्ण भाग में से एक है इस लेख “Chaupai Chhand In Hindi” में हम Chaupai Chhand Ka Parichay, Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। यहां पर आपको चौपाई छन्द के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी।
Chaupai Chhand Kise Kahate Hain – चौपाई छन्द की परिभाषा
यदि हम चौपाई छन्द की बात करे तो चौपाई छन्द सम मार्तिक छन्द के अंतर्गत आता है, यह चार चरणों वाला छन्द होता है। इसके प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं तथा चौपाई छन्द के प्रत्येक चरण के अंत मे दो गुरु ( दीर्घ ) होते हैं।
Chaupai Chhand Examples In Hindi – चौपाई छन्द के उदाहरण
जिमि सरिता सागर महुँ जाहीं।
जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख सम्पति बिनहिं बोलाएँ।
धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ।।
सुनि शिशु रुदन परम प्रिय बानी।
संभ्रम चलि आईं सब रानी।
हरषित जहँ तहँ धाईं दासी।
आनंद मगन सकल पुरबासी।
उपर्युक्त दिए गए उदाहरणों में प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ है तथा प्रत्येक चरण के अंत मे दो दीर्घ (गुरु) स्थित हैं। अतः यह एक चौपाई छन्द का उदाहरण है।
Conclusion – चौपाई छंद सम मात्रिक छंद का एक भेद है इसमें 16 के क्रम में मात्राएं होती है चौपाई छंद के अंत में जगण और तगण नहीं आते हैं। यहां पर आप Chaupai Chhand Ki Paribhasha Udaharan Sahit पढ़ सकते हैं।
FAQs About Chaupai Chhand Kya Hai In Hindi
Q1. चौपाई छंद क्या है ?
Ans : चौपाई छंद के चार चरण होते हैं और इसके प्रत्येक चरण में 16-16 के क्रम में 28 मात्राएं होती है चौपाई छंद के अंत में गुरु होता है इसे Chaupai Chhand Kahate Hain
Q2. चौपाई छंद की पहचान क्या है ?
Ans : चौपाई छंद में यति हर चरण के अंत में होता है इनके आखिर में लघु और गुरु स्वर नहीं होते जो की Chaupai Chhand Ki Pahchan Hain
Q3. चौपाई छंद का उदाहरण बताइए ?
Ans : Chaupai Chhand Ka Udaharan – संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमंत बल बीरा ।।