दोहा छन्द की परिभाषा एवं उदाहरण

दोहा छन्द सम मात्रिक के अंतर्गत आता है इसमें छोटे छोटे चार चरण होते हैं यह छन्द हिंदी व्याकरण के सबसे महत्वपूर्ण छन्द में से एक है, इसलिए इस लेख में आप दोहा छन्द की परिभाषा तथा दोहा छन्द के उदाहरण के बारे में पड़ेंगे। दोहा छन्द के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

दोहा छन्द की परिभाषा

दोहा छन्द चार चरणों वाला एक छन्द होता है, इस छन्द के पहले तथा तीसरे चरण में  तेरह – तेरह मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण में ग्यारह – ग्यारह मात्राएँ होती हैं। दोहा छन्द के चरणों के अंत मे लघु होता है। दोहा छन्द एक सम मात्रिक छन्द होता है।

दोहा छन्द के उदाहरण

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चून।।

बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौंहे करैं भौंहनि हँसै, दैन कहै नटि जाय।।

पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरती रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहिं सुर भूप।।

उपरोक्त दिए गए उदाहरणों में पहले तथा तीसरे चरणों में 13 – 13 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरणों में 11 – 11 मात्राएँ उपस्थित है अतः यह दोहा छन्द के उदाहरण हैं।

आज इस लेख में हमने आपको दोहा छंद के बारे में उदाहरण सहित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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