Drishya Kavya Kise Kahate Hain – दृश्य काव्य की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

Drishya Kavya Kise Kahate Hain – आज के इस लेख “Drishya Kavya In Hindi” के हम दृश्य काव्य के बारे में पढ़ने वाले हैं जो कि काव्य शास्त्र का प्रमुख भाग है, इस लेख में आप Drishya Kavya Ki Paribhasha, Drishya Kavya Ke Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ेगें तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

Drishya Kavya Kise Kahate Hain – दृश्य काव्य की परिभाषा

ऐसा काव्य जिसका आनन्द प्रत्यक्ष रूप में आंखों से देख कर लिया जाता है, इस प्रकार के काव्य को Drishya Kavya Kahate Hain. साधारण भाषा मे कहे तो जिन काव्यों को देखने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष रूप से दर्शाया जाता है तथा जिसको देखकर मनुष्य को आनंद का अनुभव होता है दृश्य काव्य कहलाते हैं।

Drishya Kavya Examples In Hindi – दृश्य काव्य के उदाहरण

रामायण, महाभारत, कृष्ण लीला इत्यादि।

Drishya Kavya Types In Hindi – दृश्य काव्य के भेद

दृश्य काव्य के मुख्यतः दो भेद होते हैं-

1. रूपक

रूप का प्रयोग होने के कारण इनको रूपक कहा जाता है। प्रकरण, नाटक, भाण, व्योग इसके प्रमुख उदाहरण हैं।

2. उपरूपक

प्रमुख कवियों के अनुसार काव्य के स्वरूप में छन्द को भेद का आधार बनाया गया है।

Conclusion – काव्यशास्त्र में दृश्य काव्य आंखों से देखकर अनुभव प्राप्त होता है, क्योंकि हम उन्हें देखकर रस का अनुभव लेते हैं इसलिए इसका नाम दृश्य काव्य रखा गया है, यहां Drishya Kavya Ki Paribhasha, Prakar Aur Niyam, विशेषताएं आदि बताई गई हैं।

FAQs About Drishya Kavya Kya Hai In Hindi

Q1. दृश्य काव्य क्या होता है ?
Ans : दृश्य काव्य ऐसा काव्य होता है, जिसमें अपने नेत्र से देखकर किसी प्रकार के दृश्य भाव, उनका रस का अनुभव लेता है उसे Drishya Kavya Kahate Hain.

Q2. दृश्य काव्य कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : Drishya Kavya 2 Prakar Ke Hote Hain – रूपक और उपरोक्त

Q3. काव्यशास्त्र के दृश्य काव्य में कौन सा तत्व होता है ?
Ans : काव्यशास्त्र के दृश्य काव्य में “अभिनव” तत्व मौजूद होता है।

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