दृश्य काव्य की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

आज के इस लेख के हम दृश्य काव्य के बारे में पढ़ने वाले हैं जो कि काव्य शास्त्र का प्रमुख भाग है, इस लेख में आप दृश्य काव्य की परिभाषा एवं दृश्य काव्य के उदाहरण के बारे में पढ़ेगें तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

दृश्य काव्य की परिभाषा

ऐसा काव्य जिसका आनन्द प्रत्यक्ष रूप में आंखों से देख कर लिया जाता है, इस प्रकार के काव्य दृश्य काव्य कहलाते हैं।

साधारण भाषा मे कहे तो जिन काव्यों को देखने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष रूप से दर्शाया जाता है तथा जिसको देखकर मनुष्य को आनंद का अनुभव होता है दृश्य काव्य कहलाते हैं।

दृश्य काव्य के उदाहरण

रामायण, महाभारत, कृष्ण लीला इत्यादि।

दृश्य काव्य के भेद

दृश्य काव्य के मुख्यतः दो भेद होते हैं-

1. रूपक

रूप का प्रयोग होने के कारण इनको रूपक कहा जाता है। प्रकरण, नाटक, भाण, व्योग इसके प्रमुख उदाहरण हैं।

2. उपरूपक

प्रमुख कवियों के अनुसार काव्य के स्वरूप में छन्द को भेद का आधार बनाया गया है।

इस लेख में हमने आपको दृश्य काव्य के बारे में जानकारी दी है यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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