Kavyalinga Alankar Kise Kahate Hain – काव्यलिंग अलंकार अर्थालंकर का भेद होता है, इस अलंकार में किसी बात का युक्ति के माध्यम से समर्थन किया जाता है, अब आप यहां “Kavyalinga Alankar In Hindi” पर Kavyalinga Alankar Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में जानेंगे।
Kavyalinga Alankar Kise Kahate Hain – काव्यलिंग अलंकार की परिभाषा
जहां पर किसी बात का समर्थन करने के लिए युक्ति का प्रयोग किया जाता है वहां पर काव्य अलंकार होता है। अर्थात जब किसी बात हुई सहमति के लिए कोई कारण अथवा युक्ति का प्रयोग किया जाए तथा बिना किसी व्यक्ति के बाद अधूरा हो तो वहां पर काव्यलिंग अलंकार होता है।
Kavyalinga Alankar Examples In Hindi – काव्यलिंग अलंकार के उदाहरण
कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय।
उहि खाए बौरात नर, इहि पाए बौराय।।
उपर्युक्त दिए गए उदाहरण में बताया गया है कि सोना धतूरे से भी अधिक नशा देता है क्योंकि सूरह के खाने से नशा होता है तथा सोने के मात्र प्राप्त हो जाने से नशा हो जाता है। युक्ति का प्रयोग करके इस बारे में समर्थन किया गया है अतः यह काव्यलिंग अलंकार का उदाहरण होगा।
Conclusion – काव्य लिंग अलंकार का उपयोग के नियत ना होने पर उपयोग किए जाते हैं इसमें सामान्य अर्थ वाले वाक्य का उपयोग किया जाता है यहां Kavyalinga Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit बताई गई है।
FAQs About Kavyalinga Alankar Kya Hai In Hindi
Q1. काव्यलिंग अलंकार क्या है ?
Ans : जब किसी अलंकार में विचार का समर्थन करते हुए युक्ति का उपयोग किया जाता है, उसे Kavyalinga Alankar Kahate Hain.
Q2. काव्य लिंग अलंकार की पहचान क्या होती है ?
Ans : काव्य लिंग अलंकार में संकेत के माध्यम से वाक्य को प्रकट किया जाता है और उनके अर्थ को समझने का प्रयास किया जाता है।
Q3. काव्य लिंग का दूसरा नाम क्या है ?
Ans : Kavyalinga Alankar Ka Dusra Naam “लक्षणा” है।