आज के इस लेख में हम आपको वाच्य के बारे में बताने जा रहे हैं, आखिर वाच्य क्या होता है? तथा वाच्य के कितने प्रकार होते हैं। वाच्य से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
वाच्य की परिभाषा
वाक्य में प्रयोग किये गए क्रिया का ऐसा रूप जिसके द्वारा इस बात की जानकारी प्राप्त होती है कि वाक्य में कर्ता, कर्म अथवा भाव मे से किसकी प्रधानता है। किन शब्दो के अनुसार वाक्य में पुरूष, क्रिया, वचन इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया गया है, वह वाच्य कहलाता है।
वाच्य के प्रकार
वाच्य को तीन प्रकार से विभाजित किया गया है जो कि आप निम्नलिखित देख सकते हैं-
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
1. कर्तृवाच्य
किसी वाक्य में प्रयोग किये गए कर्ता का उद्देश्य हमे जिस क्रिया के द्वारा ज्ञात होता है, वह कर्तृवाच्य कहलाता है। इसमें वचन एवं लिंग का प्रयोग कर्ता के अनुसार किया जाता है।
उदाहरण –
- घोड़ा दौड़ता है।
- हाथी खाना खाता है।
- राहुल खेलता है।
2. कर्मवाच्य
वाक्य में प्रयोग की गयी क्रिया के जिस रूप के द्वारा कर्ता के कर्म के बारे में बोध होता है उसको कर्मवाच्य कहते हैं। इसमे वचन, लिंग और पुरूष का प्रयोग कर्म के अनुसार किया जाता है।
उदाहरण –
- वह पुस्तक राघव के द्वारा पढ़ी गई।
- विद्यार्थियों के द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया है।
- पुलिस के द्वारा चेकिंग की जा रही है।
3. भाववाच्य
वाक्य में प्रयोग किये गए कर्ता के भाव का बोध क्रिया के जिस रूप से होता है वह भाववाच्य कहलाता है। इन वाक्यों में कर्ता एवं कर्म की प्रधानता नही होती है तथा इन वाक्यों में अकर्मक क्रियाओं का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण –
- गर्मी में उससे काम नही होता है।
- वह बाहर खेलना चाहता है।
- राजीव आपसे कुछ कहना चाहता है।
वाच्य के प्रयोग
वाच्य का प्रयोग वाक्य में तीन प्रकार से किया जाता है-
- कर्तरि प्रयोग
- कर्मणि प्रयोग
- भावे प्रयोग
1. कर्तरि प्रयोग
जब किसी वाक्य की क्रिया के वचन, पुरूष एवं लिंग का प्रयोग वाक्य में प्रयोग किये गए कर्ता के अनुसार किया गया हो तो उसे कर्तरि प्रयोग कहते हैं।
उदाहरण –
- राजन अच्छी किताबें पढ़ता है।
- शिवम अच्छा खाना खाता है।
2. कर्मणि प्रयोग
जब किसी वाक्य में क्रिया के वचन, लिंग एवं पुरूष वाक्य में प्रयोग किये गए कर्म के अनुसार किये गए हो तब उसे कर्मणि प्रयोग कहते है।
उदाहरण –
- साबिया ने गाना गाया।
- रमेश ने निबंध लिखा।
3. भावे प्रयोग
जब किसी वाक्य में क्रिया के वचन, लिंग एवं पुरूष के अनुसार प्रयोग ना करके एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरूष हो तो उसे भावे प्रयोग कहते हैं।
उदाहरण –
- मुझसे अब और काम नही होगा।
- उससे अब और नही चला जा रहा है।
इस लेख में आपको वाच्य के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे आगे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें।