Yan Swar Sandhi Kise Kahate Hain In Hindi – आज के इस लेख Yan Swar Sandhi Kya Hain In Hindi में हम बात करने वाले है हिंदी व्याकरण में उपस्थित स्वर संधि के महत्वपूर्ण भेद यण स्वर संधि के बारे में। इस लेख में आपको यण स्वर संधि के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी, तो चलिए यण स्वर संधि को उदाहरण सहित समझते हैं।
Yan Swar Sandhi Kya Hain – यण संधि की परिभाषा
जब भी इ, ई, उ, ऊ, ऋ के पश्चात भिन्न स्वर आते हैं तो यह सभी शब्द क्रमश: य, व, र, ल् में बदल जाते हैं। इन शब्दों में हुए इस परिवर्तन को यह Yan Swar Sandhi Kahate Hain
जैसे –
इ + आ = या
इ + अ = य
उ + ए = व्
इ + आ = या
इ + ए = ये
उ + इ = वि
इ + आ = या
Yan Swar Sandhi Ke Udaharan – यण संधि के उदाहरण
1. जब इ, ई के साथ कोई आसमान (विजातीय) स्वर प्रयोग किया जाता है तो इ, ई से ‘य्’ का निर्माण होता है। जैसे –
- परि + आवरण = पर्यावरण
- अति+ अधिक = अत्यधिक
- वि + आकुल = व्याकुल
- अधि + अक्ष = अध्यक्ष
- प्रति + अय = प्रत्यय
- अभि + अर्थी = अभ्यर्थी
- परि + अटन = पर्यटन
2. जब उ, ऊ के साथ कोई आसमान (विजातीय) स्वर प्रयोग किया जाता है तो उ, ऊ से ‘व’ का निर्माण होता है। जैसे –
- वधू + आगमन = वध्वागमन
- अनु + अय = अन्वय
- अनु + ईक्षा = अन्वीक्षा
- सु + अस्ति = स्वस्ति
- धातु + इक = धात्विक
- सु + आगत = स्वागत
3. जब ऋ के साथ कोई आसमान (विजातीय) स्वर प्रयोग किया जाता है तो ऋ से ‘र’ का निर्माण होता है। जैसे –
- पितृ + आनंद = पित्रानंद
- मातृ + आज्ञा = मात्राज्ञा
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
- मातृ + आदेश = मात्रादेश
यण संधि के उदाहरण के अन्य उदाहरण
- प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष
- देवी + अर्पण = देव्यर्पण
- अति + अधिक = अत्यधिक
- अति + अल्प = अत्यल्प
- प्रति + आघात = प्रत्याघात
- अति + उत्तम = अत्युत्तम
- यदि + अपि = यद्यपि
- अति + उष्म = अत्यूष्म
- पितृ + आदेश = पित्रादेश
- मधु + आलय = मध्वालय
- अनु + एषण = अन्वेषण
- गुरु + ओदन = गुर्वोदन
- गुरु + औदार्य = गुरवौदार्य
Conclusion – यण स्वर संधि को दर्शाने के लिए संधि विषय पर पूरी जानकारी होना आवश्यक होता है यण स्वर संधि में लघु और दीर्घ स्वर उपयोग होते हैं यहां पर आप Yan Swar Sandhi Ki Paribhasha, Udaharan और नियम विशेषताएं यदि सरल शब्दों में जान सकते हैं।
FAQs About Yan Swar Sandhi In Hindi
Q1. यण स्वर संधि किसे कहते हैं ?
Ans : यण स्वर संधि में इ/ई , उ/ऊ , ऋ के बाद कोई अलग स्वर आए तो उससे विकार उतपन्न होता है, उसे Yan Swar Sandhi Kahate Hain
Q2. यण स्वर संधि में कितने नियम होते हैं ?
Ans : Yan Swar Sandhi Ke 3 Niyam होते है, जो स्वर के रूप में व्यवस्थित होते हैं
Q3 यण स्वर संधि की पहचान कैसे होती है ?
Ans : यण स्वर संधि में अधिकांश रूप में य् , व्, र् जैसे वर्ण मौजूद होते हैं तो हम कह सकते हैं कि यह यण स्वर संधि है।