Punrukti Alankar Kise Kahate Hain – पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण

Punrukti Alankar Kise Kahate Hain – पुनरुक्ति अलंकार पुनः तथा उक्ति दो शब्दों के मिलने से बना है जिस वाक्य में कोई शब्द दो बार दोहराया जाता है तो वहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होता है। इस लेख Punrukti Alankar In Hindi में हम Punrukti Alankar Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ने जा रहे हैं।

Punrukti Alankar Kise Kahate Hain – पुनरुक्ति अलंकार की परिभाषा

जब किसी वाक्य में कोई शब्द दो अथवा दो से अधिक बार प्रयोग में आता है अथवा किसी शब्द की  पुनरावृत्ति होती है तो उसे Punrukti Alankar Kahate Hain पुनरुक्ति अलंकार शब्दालंकार का महत्वपूर्ण भी हैं।

Punrukti Alankar Examples In Hindi – पुनरुक्ति अलंकार के उदाहरण

किस इच्छा से लहरा कर।
हो उठा चंचल – चंचल।।

स्पष्टीकरण – उपर्युक्त काव्य पंक्ति में चंचल शब्द की पुनरावृत्ति हो रही है अतः यह पुनरुक्ति अलंकार के अंतर्गत आएगा।

मधुर वचन कहि-कहि परितोषीं।

स्पष्टीकरण – उपर्युक्त डालिये गए वाक्य में कहि शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है जिस कारण से काव्य को अर्थपूर्ण तथा भावपूर्ण किया गया है अतः यहाँ पर पुनरुक्ति अलंकार होगा।

Conclusion – पुनरावृति अलंकार शब्दों के योग से बनते हैं यह अलंकार का एक महत्वपूर्ण भेद भी माना जाता है यहां पर आप अपनी रुकती अलंकार से जुड़ी हुई सभी जानकारी जैसे पूर्ण रुपया अलंकार किसे कहते हैं भेड़ और नियम आदि जान पढ़ सकते हैं

FAQs About Punrukti Alankar Kya Hai In Hindi

Q1. पुनरावृति अलंकार किसे कहते हैं ?

Ans : पुनरावृति अलंकार दो शब्दों से मिलकर बनता है जो वाक्य में दोहराव आता है तो उसके अर्थ में परिवर्तन होता है उसे ही Punrukti Alankar Kahate Hain.

Q2. पुनरावृति अलंकार की पहचान क्या है ?

Ans : इसमें वाक्य में बार-बार शब्दों की आवृत्ति होती है वह पूर्ण Punrukti Alankar Ki Pahchan Hain.

Q3. पुनरावृति अलंकार का उदाहरण बताइए ?

Ans : Punrukti Alankar Ka Udaharan –

जले-जले रे जिया जले, जले-जले रे जिया जले।
कोई ना जाने पीर मेरे मन की, जले-जले रे जिया जले।

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