Bhrantiman Alankar Kise Kahate Hain – Bhrantiman Ka Arth होता है भ्रम, अर्थात जहाँ पर भ्रम होने की संभावना अथवा भाव होता है वहाँ भ्रांतिमान अलंकार होता है, अब हम Bhrantiman Alankar Ki Paribhasha, Bhed Aur Udaharan के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। भ्रांतिमान अलंकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी।
Bhrantiman Alankar Kise Kahate Hain – भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा
जिस अलंकार में उपमेय में उपमान के होने का भ्रम अथवा सम्भावना होती है वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है। अर्थात जब एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु से सम्बंधित भ्रम उत्पन्न हो जाता है वह भ्रांतिमान अलंकार कहलाता है। भ्रांतिमान अलंकार को उभयालंकार का एक अंग भी माना जाता है।
Bhrantiman Alankar Examples In Hindi – भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण
ओस बिन्दु चुग रही हंसिनी मोती उनको जान।
उपरोक्त दिए गए वाक्य में हंसनी को ओस की बूंदों के कारण मोतियों का भ्रम उत्पन्न हो गया है तथा वह उस की बूंदों को मोती समझ कर चुग (ग्रहण) कर रही हैं।
जानि स्याम को स्याम-घन नाचि उठे वन मोर।
ऊपर दिए गए वाक्य में मोर श्री कृष्ण को सदृश्य के कारण श्याम मेघ ( काले बादल ) समझ रहे हैं तथा श्याम के काले रंग के कारण मोरो को काले बादलो का भ्रम हो गया है।
Conclusion – भ्रांतिमान अलंकार में किसी एक प्रकार की वस्तु को दूसरी वस्तु के समान मान लेते हैं जो की भ्रम की ओर इशारा करते हैं। यहां पर आप Bhrantiman Alankar Ka Parichay Udaharan Sahit पढ़ सकते हैं।
FAQs About Bhrantiman Alankar Kya Hai In Hindi
Q1. भ्रांतिमान अलंकार किसे कहते हैं ?
Ans : वह अलंकार जिसमें उपमेय में उपमान का भ्रम का पैदा होता है, उसे Bhrantiman Alankar Kahate Hain
Q2. भ्रांतिमान अलंकार का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Bhrantiman Alankar Ka Uddeshya भ्रम उत्पन्न करना और अस्पष्टता को बताना होता है।
Q3. भ्रांतिमान अलंकार की पहचान कैसी होती है ?
Ans : भ्रांति अलंकार में एक समान गुण वाले वस्तुओं को देखकर भ्रम पैदा होता है यह भ्रम Bhrantiman Alankar Ki Pahchan होती है।