Atishyokti Alankar Kise Kahate Hain – अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

Atishyokti Alankar Kise Kahate Hain – अतिश्योक्ति का अर्थ होता है उक्ति में अतिशयता का समावेश अर्थात किसी बात को बढ़ा चढ़ा का करना। इस लेख “Atishyokti Alankar Udaharan Sahit” में हम Atishyokti Alankar Ki Paribhasha, Prakar, Niyam Aur Udaharan के बारे में पढ़ने वाले हैं।

Atishyokti Alankar Kise Kahate Hain – अतिश्योक्ति अलंकार की परिभाषा

जिस अलंकार में किसी वस्तु के बारे में बड़ा चढ़ा कर वर्णन किया जाता है अथवा किसी बात को बड़ा चढ़ा कर बताया जाता है जिससे सामान्य लोक समाज की सीमाओं को भी पर कर दिया जाए उसे Atishyokti Alankar Kahate Hain

अतिश्योक्ति अलंकार में उपमान और उपमेय का समान कथन ना होकर केवल उपमान का ही वर्णन किया जाता है।

Atishyokti Alankar Examples In Hindi – अतिश्योक्ति अलंकार के उदाहरण

हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आगि।

सगरी लंका जल गई , गये निसाचर भागि।।

उपर्युक्त दिए गए काव्य में बताया गया है कि लंका में हनुमान जी के पूछ में तो आग लगाई गई परन्तु वह आग उनके पूछ में न लगकर पूरी लंका में लग गई है जिससे सम्पूर्ण लंका जल चुकी है तथा सभी और दैत्य यहाँ से वहाँ भाग रहे हैं।

भूप सहस दस एकहिं बारा।

लगे उठावन टरत न टारा।।

उपर्युक्त दिए गए वाक्य में बताया गया है कि जब धनुर्भग हो रहा था तो जब वह किसी से नही उठावतो एक साथ दस हजार राजा

Conclusion – अतिश्योक्ति अलंकार, अलंकार का एक महत्वपूर्ण है भेद है जो की काव्य शास्त्रों में भी अहम भूमिका निभाता है यह वास्तविकता से हटकर होता है। यहां पर आप जान सकते हैं कि Atishyokti Alankar Kya Hota Hain, Atishyokti Alankar Ke Niyam और विशेषताएं क्या है। 

FAQs About Atishyokti Alankar Kya Hai In Hindi 

Q1. अतिश्योक्ति अलंकार क्या है ?

Ans : वह अलंकार जिसमें किसी प्रकार की कोई वस्तु को बहुत ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर, अपने मुताबिक प्रकट किया जाता है जो की वास्तविकता से बिल्कुल अलग होता है उसे Atishyokti Alankar Kahate Hain

Q2. अतिश्योक्ति अलंकार की पहचान कैसे होती है ?

Ans : अतिश्योक्ति अलंकार में किसी वस्तु के गुण और प्रभाव की भावना को कलात्मक रूप से दर्शाया जाता है, जो की Atishyokti Alankar Ki Pahchan है। 

Q3. अतिश्योक्ति अलंकार के उदाहरण बताइए ?

Ans : Atishyokti Alankar Ke Udaharan – 

  • रावण में सौ हाथियों का बल था
  • उसकी आवाज से मेरे कान फट गए

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