Shant Ras Kise Kahate Hain – शांत रस, रस के सबसे महत्वपूर्ण भेदों में से एक है इसलिए इस आर्टिकल Shant Ras In Hindi में हम आपको शांत रस के बारे मे जानकारी देने जा रहे हैं, आप इस आर्टिकल में Shant Ras Ki Paribhasha, Niyam Aur Shant Ras Ke Avyay के बारे में उदाहरण के साथ पढ़ने जा रहे हैं इसलिए आर्टिकल के अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।
Shant Ras Definition In Hindi – शांत रस की परिभाषा
काव्य रचना का वह भाग जिसको सुनकर ह्रदय में जो निर्वेद का भाव उत्पन्न है तो उस भाव को Shant Ras Kahate Hain
साधारण शब्दों में कहे तो जब मनुष्य सांसारिक कार्यों से मुक्त होकर मोह माया का त्याग कर देता है। तथा बैराग्य धारण करके प्रभु के वास्तविक रूप का ज्ञान प्राप्त करते समय ह्रदय में जो शांति का भाव उत्पन्न होता है उसको शांत रस कहते हैं।
Shant Ras Examples In Hindi – शांत रस के उदाहरण
1. ओ क्षणभंगुर भव राम राम।
व्याख्या
उपर्युक्त पंक्ति सिद्धार्थ के महात्मा बुद्ध बनने के पहलेकी है। शांति स्थापित करने तथा विश्व कल्याण के लिए उन्होने सुख, समृद्धि, परिवार, वैभव, राज पाट इत्यादि सभी का त्याग कर दिया। इन्होने इन सब चीजों के साथ जीवन को क्षणभंगुर माना है।
2. जब मैं था तब हरि नाहिं अब हरि है मैं नाहिं,
सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं।
व्याख्या
उपर्युक्त पंक्तियाँ में कवि के द्वारा कहा गया है कि जब मैं था तब है नही अर्थात जब मेरे अंदर अहंकार था तब मैं ईश्वर से बहुत दूर था तथा अब ईश्वर का ज्ञान प्राप्त करते है मेरे अंदर से संपूर्ण अहंकार गायब हो गया है। तथा ज्ञानरूपी दीपक से मेरे अंदर का पूरा अहंकार रूपी अंधियारा समाप्त हो गया है।
Shant Ras Avyay In Hindi – शांत रस के अवयव
शांत रस का स्थाई भाव :- निर्वेद
संचारी भाव :- हर्ष, धृति, स्मृति, विबोध, मति, निर्वेद आदि।
अनुभाव :-
- पुलक
- पूरे शरीर में रोमांच
- अश्रू आदि।
उद्दीपन विभाव –
- सतसंग
- तीर्थ स्थल की यात्राए
- शास्त्रों का अनुशीलन इत्यादि।
आलंबन विभाव :- संसार की क्षणभंगुरत परमात्मा चिंतन एंव
Conclusion – शांत रस में मानव के मन के अंदर जो शांति वाले भाव उत्पन्न होते हैं, उनका वर्णन किया जाता है यहां पर आप शांत रस के बारे में पूरी जानकारी जैसे Shant Ras Kise Kahate Hain, Bhed, Udaharan Aur Niyam विशेषताएं आदि देख पढ़ सकते हैं।
FAQs About Shant Ras Kise Kahate Hain In Hindi
Q1. शांत रस क्या होता है ?
Ans : जब मानव जीवन की मोह माया को त्याग कर संसार से दूर हो जाता है और उसके अंदर जो शांति वाले भाव की अनुभूति होती है, उसे Shant Ras Kahate Hain.
Q2. शांत रस का स्थायी भाव क्या होता है ?
Ans : शांत रस का स्थायी भाव “निर्वेद” होता है।
Q3. शांत रस के उदाहरण बताइए
Ans : Shant Ras Ke Udaharan – मन पछितैहै अवसर बीते। दुरलभ देह पाइ हरिपद भजु, करम वचन भरु हीते सहसबाहु दस बदन आदि नृप, बचे न काल बलीते॥