Vakya Shuddhi Kise Kahate Hain – वाक्य किसी भी तरह की बातचीत के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि किसी से बातचीत के दौरान वाक्य में सही शब्दों का प्रयोग सही जगह ना किया जाए तो वाक्य गलती हो जाती है। जिससे बातचीत पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि Vakya Shuddhi Kya Hota Hain और इसका सही प्रयोग कैसे होता है। यदि
आपको नही पता तो इस आर्टिकल “Vakya Shuddhi In Hindi” को अन्त तक जरूर पढ़े क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको Vakya Shuddhi Ke Baare Main सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
Vakya Shuddhi Ki Paribhasha – वाक्य शुद्धि क्या है ?
किसी वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण का भावयुक्त रूप से क्रमबद्ध उपयोग करने को Vakya Shuddhi Kahate Hain आसान भाषा में कहे तो वाक्य भाषा का सबसे अंग है जिसको बोलते या फिर लिखते समय हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वाक्य में हमने जो कुछ कहा है या लिखा हो वह व्याकरण की दृष्टि से स्पष्ट हो। उसमे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि न हो और
विराम-चिह्नों का सही जगह प्रयोग किया गया हो। वाक्य में संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण से सम्बंधित या किसी और तरह की गलती हो सकती है। यदि आप Vakya Shuddhi Ke Niyam को समझ ले तो आप हर वाक्य का शुद्धिकरण करना सीख सकते है
Vakya Shuddhi Examples – वाक्य शुद्धि के उदाहरण
संज्ञा-संबंधी अशुद्धियाँ
- जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहानी बहुत पुरानी है। ( कहावत)
- उसको असफल होने की निराशा नहीं थी। (आशा नही)
- गोलियों की बाढ़ हो गई। (बौछार)
- उसने मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं दिया। (मेरी बात पर)
- शहर की पूरी जनसंख्या परेशान है। (जनता)
- कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की पहचान है। (का आधार)
सर्वनाम-संबंधी अशुद्धियाँ
- तुम मेरे से मत कहो। (मुझ से)
- मेरे को यह कपड़ा पसन्द नहीं। (मुझे)
- वह सब अच्छे आदमी है। (वे)
- मेरी आँख में कौन पड़ गया। (क्या)
- जो सोवेगा बो खोवेगा। ( सो )
- आप आकर ले सकते हो। (तुम)
- मैं उन्होके पापा से मिला। (उनके)
विशेषण-संबंधी अशुद्धियाँ
- मुझे बड़ी जोर से भूख लगी है। (बहुत)
- उसको बहुत हानि हुई है। (बड़ी)
- पानी का अभाव चिन्तनीय है। (चिंताजनक)
- यह बड़ी गहरी समस्या है। (गम्भीर)
- वह भारी भरकम्प बस्तु है। ( बहुत बड़ी )
- साहित्य और जीवन मे घोर सम्बंध है। (घनिष्ट)
- राम अग्रिम सोमबार को आएगा। (आने वाले)
- मुझे भारी भूख लगी है। ( बहुत )
वचन-संबंधी अशुद्धियाँ
- उस व्यक्ति ने अनेक प्रकार की विद्या सीखी हैं। (विद्याएँ)
- सबों ने इसे यह राय दी है। (सब)
- उसके आशू से आँखे भर गई। (आंसुओ)
- हमारे सामानो को संभाल कर रखियेगा। (सामान)
- वह विविध विषय से परिचित है। (विषयों)
- ऐसी बात सुनकर बहुत दुख हुआ। (बातें)
- इस विषय पर आपके पास एक भी पुस्तकें अच्छी नहीं है। (पुस्तक)
क्रिया-संबंधी अशुद्धियाँ
- अपनी पगड़ी ओढ़कर आओ। ( बांधकर )
- वह कुर्ता डालकर वहाँ पर गया। (पहनकर)
- सीता ने माला गूँथ ली है। (बना)
- यहाँ पर उपस्थित सभी लोगो ने संकल्प लिया। (किया)
- यह पर अपने हस्ताक्षर लगा दो। (कर दो)
- हमे इस तरह सावधानी लेनी होगी। (बरतनी)
- वे कुछ पशु उठा कर ले गये। (हांक)
- हमारी छोटी उम्र शिक्षा लेने के लिए के लिए होती है। (पाने)
कारक-संबंधी अशुद्धियाँ
- हमने वह काम करना था। (हमे)
- सब से राम-राम करो। (को)
- लोगो के अंदर अशांति फैल गई। (में)
- नौकर का कपड़े। (के)
- मेरे नये पते से सम्पर्क करना। (पर)
Conclusion – हिंदी व्याकरण के अध्याय में वाक्य शुद्धि के महत्वपूर्ण भूमिका है यह सभी वाक्य रचना में वाक्य को स्पष्ट रूप से प्रकट करने में और उनके अर्थ को समझने में मदद करती है यह कम शब्दों में अर्थ को रखने का प्रयास करती है।
FAQs About Vakya Shuddhi Kise Kahate Hain
Q1. वाक्य शुद्धि की परिभाषा क्या है ?
Ans : वाक्य रचना में जब अशुद्ध शब्दों को शुद्ध रूप में लिखा जाता है, तो वाक्य का अशुद्धीकरण होता है जिसे Vakya Shuddhi Kahate Hain.
Q2. वाक्य शुद्धि के कितने भेद होते हैं ?
Ans : Vakya Shuddhi Ke Panch Bhed Hote Hain –
- लिंग संबंधी अशुद्धि
- वचन सम्बन्धी अशुद्धि
- कारक सम्बन्धी अशुद्धि
- सर्वनाम सम्बन्धी अशुद्धि
- क्रिया सम्बन्धी अशुद्धि
Q3. वाक्य शुद्धि का उद्देश्य क्या होता है ?
Ans : Vakya Shuddhi Ka Udeshya वाक्य रचना को कम शब्दों में स्पष्ट रूप से प्रकट करना होता है .