Ucharan Or Vartani Kise Kahate Hain – दुनिया मे किसी भी व्यक्ति से बात करने या किसी बात को समझाने के लिए उच्चारण का सही होना अति आवश्यक है हिंदी व्याकरण के इन शब्दों को समझने में कई लोगों को बहुत समस्या आती है। क्या आप जानते है कि Ucharan Or Vartani Ka Upyog किस तरह से किया जाता है। यदि आप नही जानते तो इस आर्टिकल “Ucharan Or Vartani In Hindi” को अंत तक जरूर पड़े क्योंकि अब हम आपको Ucharan Or Vartani Ke Bare Mein में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
Ucharan Kise Kahate Hain – उच्चारण की परिभाषा
कोई भी व्यक्ति जो अपने मुख से कुछ बोलता है वह उच्चारण कहलाता है। सभी तरह के शब्दों को बोलने के लिए हमारे मुख में उच्चारण अलग अलग स्थान से अलग अलग होते हैं। सही शब्दों को लिखने के लिए सही उच्चारण का होना बहुत आवश्यक होता है। हिंदी हमारी ऐसी भाषा है जिसके उच्चारण में यदि आप थोड़ी सी भी गलती करते हैं तो उस वाक्य का भाव और अर्थ दोनों बदल जाते हैं।
Vartani Kise Kahate Hain – वर्तनी की परिभाषा
शब्दों के लिखने की विधि को Vartani Kahate Hain तथा इसको हिज्जे (Spelling) भी कहा जाता है। आसान भाषा में कहे तो जो भाषा उच्चारण किये गए शब्दों को सही ढंग से लिखने जितनी अधिक सहज होगी उस भाषा की वर्तनी उतनी ही अधिक सक्षम होती है। यदि हम वर्तनी के कार्य की बात करे तो वर्तनी उच्चारण को दर्शाने का कार्य करती है। यदि हम वर्तनी का उपयोग नहीं करते हैं तो आप उच्चारण की गई बात को सही तरीके से नही लिख पाएंगे।
वर्तनी और उच्चारण की विशेष अशुद्धियाँ और उनके उदाहरण
आमतौर पर विद्यार्थी व्याकरण की सही जानकारी ना होने के कारण करते वर्तनी में कई तरह की गलतियां करते है इसलिए हम आपके लिए कुछ वर्तनी त्रुटिया तथा उच्चारण त्रुटिया लेकर आये हैं जो कि निम्नलिखित है-
अशुद्ध | शुद्ध |
---|---|
अजादी | आजादी |
नराज | नाराज |
अवश्यक | आवश्यक |
आधीन | अधीन |
सप्ताहिक | साप्ताहिक |
अहार | आहार |
अत्याधिक | अत्यधिक |
अजमायश | आजमाइश |
अलोचना | आलोचना |
व्यवहारिक | व्यावहारिक |
दिवार | दीवार |
श्रीमति | श्रीमती |
तिथी | तिथि |
बिमारी | बीमारी |
क्योंकी | क्योंकि |
दिवाली | दीवाली |
कवियत्री | कवयित्री |
मुनी | मुनि |
दिपावली | दीपावली |
अतिथी | अतिथि |
कोटी | कोटि |
उन्नती | उन्नति |
कालीदास | कालिदास |
रचियता | रचयिता |
परिक्षा | परीक्षा |
प्रभू | प्रभु |
गेहुँ | गेहूँ |
हिंदु | हिंदू |
पुज्यनीय | पूजनीय |
साधू | साधु |
वधु | वधू |
पशू | पशु |
रूपया | रुपया |
तुफान | तूफान |
हिंदु | हिंदू |
रुमाल | रूमाल |
रूई | रुई |
रितु | ऋतु |
श्रृंगार/श्रंगार | शृंगार |
ग्रहस्थी | गृहस्थी |
व्रक्ष | वृक्ष |
श्रगाल/श्रृगाल | शृगाल |
ग्रहिणी | गृहिणी |
प्रथ्वी | पृथ्वी |
प्रथक् | पृथक् |
घ्रणा | घृणा |
ग्रहस्थी | गृहस्थी |
आदरित | आदृत |
रिषि | ऋषि |
सैना | सेना |
एनक | ऐनक |
चाहिये | चाहिए |
एश्वर्य | ऐश्वर्य |
नैन | नयन |
रौशनी | रोशनी |
भोगोलिक | भौगोलिक |
परलोकिक | पारलौकिक |
चुनाउ | चुनाव |
त्यौहार | त्योहार |
बोद्धिक | बौद्धिक |
पोधा | पौधा |
आर्शीवाद | आशीर्वाद |
आर्दश | आदर्श |
स्त्रोत | स्रोत |
गर्म | गरम |
क्रपा | कृपा |
नर्मी | नरमी |
कार्यकर्म | कार्यक्रम |
प्रसंशा | प्रशंसा |
दुसाशन | दुशासन |
प्रशाद | प्रसाद |
सुशमा | सुषमा |
नमश्कार | नमस्कार |
कश्ट | कष्ट |
अमावश्या | अमावस्या |
विषेशण | विशेषण |
अतऐव | अतएव |
अकाश | आकाश |
रक्शा | रक्षा |
विधालय | विद्यालय |
व्रंदावन | वृंदावन |
सप्ता | सप्ताह |
दुरदशा | दुर्दशा |
रिक्सा | रिक्शा |
सकूल | स्कूल |
समान (वस्तु) | सामान |
परिच्छा | परीक्षा |
बिमार | बीमार |
गयी | गई |
आस्मान | आसमान |
छमा | क्षमा |
जोत्सना | ज्योत्स्ना |
सेनिक | सैनिक |
ग्रहकार्य | गृहकार्य |
जायेंगे | जाएँगे |
सुरग | स्वर्ग |
अन्श | अंश |
कन्धा | कंधा |
मन्दी | मंदी |
मलूम | मालूम |
रमायण | रामायण |
नदान | नादान |
नीती | निति |
राजनीती | राजनीति |
Conclusion : हिंदी व्याकरण के अध्याय में उच्चारण और वर्तनी को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि मानव के मुख से निकलने वाले सभी वर्ण अक्षर होते हैं और जब उनको लिखित रूप में लिखते हैं तो उन्हें Vartani Kahate Hain, यहां पर Ucharan Or Vartani Ki Paribhasha, Bhed Or Udaharan सहित जानकारी सरल शब्दों में बताई गई है .
FAQs About Ucharan Or Vartani Kya Hote Hain
Q1. उच्चारण और वर्तनी क्या होते हैं ?
Ans : मानव के मुख्य से निकलने वाले सभी वर्णों को Ucharan कहते हैं क्योंकि वह हमारे मुख से उच्चारित होते हैं जब हम उन्हें वर्णों को शब्दों के रूप में लिखते हैं तब वह वर्तनी कहलाते हैं
Q2. वर्तनी के नियम क्या है ?
Ans : Vartani Ke Char Niyam है :
- कारक तथा उनके चिह्न
- निपात-शब्द या अव्यय
- संयुक्त और सहायक क्रिया
- योजक चिह्न का प्रयोग
Q3. उच्चारण और वर्तनी का क्या उद्देश्य होता है ?
Ans : Ucharan Or Vartani Ka Udeshyay होता है कि वह किसी भी भाषा की ध्वनि को सही ढंग से उच्चारण करके उनका वर्तनी कर सके।