Visarg Sandhi Kise Kahate Hain – आज के इस लेख Visarg Sandhi In Hindi में हम विसर्ग संधि के बारे में पढ़ने वाले हैं, इस लेख में हम Visarg Sandhi Ki Paribhasha तथा Visarg Sandhi Ke Niyam को Udaharan के साथ पढ़ेगें तो विसर्ग संधि की सम्पूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
Visarg Sandhi Kise Kahate Hain – विसर्ग संधि की परिभाषा
जब किसी शब्दों की संधि करते समय विसर्ग के बाद किसी स्वर अथवा व्यंजन का प्रयोग होने से शब्दों में जो परिवर्तन होते है, उसे Visarg Sandhi Kahate Hain
Visarg Sandhi Ke Udaharan – विसर्ग संधि उदाहरण
- मनः + भाव = मनोभाव
- यशः + दा = यशोदा
- पय: + पान = पयपान
- रज: + कण = रज:कण
- दु: + शाशन = दुश्शाशन
- निः + संतान = निस्संतान
Visarg Sandhi Ke Niyam – विसर्ग संधि के नियम
विसर्ग संधि के सात नियम है जो कि निम्नलिखित दिए गए हैं-
नियम 1.- यदि किसी शब्द में विसर्ग के बाद च या छ का प्रयोग किया हो तो विसर्ग श हो जाता है। ट या ठ संधि के बाद ष तथा त् या थ, स् हो जाता है।
उदाहरण
- धनु: + टकार = धनुष्टकार
- नि: + तार = निस्तार
- नि: + चल = निश्चल
नियम 2.- यदि संधि करते समय विसर्ग के बाद श, ष या स का प्रयोग किया जाए तो विसर्ग में कोई परिवर्तन नही होता है, विसर्ग अपने मूल रूप में ही रहता है।
उदाहरण
- नि: + संदेह = निस्संदेह
- दू: + शासन = दुशासन
नियम 3.- यदि संधि करते समय विसर्ग के बाद क, ख या प, फ का प्रयोग किया गया हो तो विसर्ग में कोई विकार नहीं होता है।
उदाहरण
- रज: + कण = रज:कण
- पय: + पान = पय:पान
नियम 4.- यदि सन्धि में विसर्ग से पहले ‘अ’ हो तथा बाद में व्यंजन का प्रयोग किया गया हो तो विसर्ग ओ में परिवर्तित हो जाता है।
उदाहरण
- यशः + दा = यशोदा
- मनः + भाव = मनोभाव
नियम 5.- यदि संधि में विसर्ग से पूर्व अ अथवा आ को छोड़कर किसी अन्य स्वर का प्रयोग किया गया हो और बाद में कसी कोई घोष वर्ण का प्रयोग हो तो विसर्ग के स्थान र आता है।
उदाहरण
- निः + गुण = निर्गुण
- दु: + उपयोग = दुरूपयोग
नियम 6.- यदि संधि करते समय विसर्ग के बाद त, श या स का प्रयोग हो तो विसर्ग के स्थान श या स् हो जाता है।
उदाहरण
- दु: + शाशन = दुश्शाशन
- निः + तेज़ = निस्तेज
- निः + संतान = निस्संतान
नियम 7.- यदि विसर्ग से पहले अ या आ हो और उसके बाद कोई भिन्न स्वर का प्रयोग किया गया हो तो विसर्ग का संधि के समय लोप हो जाता है तथा संधि नही होती है।
उदाहरण
- मन: + कामना = मन:कामना
- अंत: + पुर = अंत:पुर
- मन: + कल्पित = मन:कल्पित
- अंत: + कारण = अंत:कारण
- प्रात: + काल = प्रात:काल
- पय: + पान = पय:पान
Conclusion : इस आर्टिकल में हमने आपको Visarg Sandhi Ke Bare Mein में तथा विसर्ग संधि के नियमो के बारे में विस्तार से बताया है यदि आपको यह जानकारी पसन्द आयी हो तो इसे आगे जरूर शेयर करें।
FAQs About Visarg Sandhi Kya Hai In Hindi
Q1. विसर्ग संधि क्या होती है ?
Ans : जब किसी स्वर के साथ किसी प्रकार का कोई व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है, उसे Visarg Swar Sandhi Kahate Hain
Q2. विसर्ग स्वर संधि के कितने नियम होते हैं ?
Ans : Visarg Swar Sandhi Ke 7 Niyam Hote Hain –
- अधः + गति = अधोगति
- निः + धन = निर्धन
- निः + छल = निश्छल
- निः + संतान = निस्संतान
- निः + फल = निष्फल
- निः + रोग = निरोग
- अंतः + करण = अंतःकरण
Q3. विसर्ग स्वर संधि के उदाहरण बताइए ?
Ans : Visarg Sandhi Ke Udaharan –
- नि: + छल = निश्छल
- धनुः + टकार = धनुष्टकार
- निः + तार् = निस्तार्