Vibhats Ras Kise Kahate Hain – आज के इस आर्टिकल “Vibhats Ras Udaharan Sahit” में हम आपको वीभत्स रस के बारे मे जानकारी देने जा रहे हैं, आप इस आर्टिकल में Vibhats Ras Ki Paribhasha, Prakar Aur Niyam, Avyay के बारे में उदाहरण के साथ पढ़ने जा रहे हैं, इसलिए इस आर्टिकल के अंत तक पूरा जरूर पढ़ें।
Vibhats Ras Definition In Hindi – वीभत्स रस की परिभाषा
जब किसी वाक्य अथवा काव्य को सुनकर ह्रदय में उत्पन्न होने वाली घृणा अथवा ग्लानि का भाव वीभत्स रस कहलाता है।किसी घृणित वस्तु, व्यक्ति को देखकर को देखकर, सुनकर अथवा उनके बारे में बिचार करके ह्रदय में उत्पन्न होने वाली ग्लानि अथवा घृणा ही वीभत्स रस को उत्पन्न करती है।
Vibhats Ras Examples In Hindi – वीभत्स रस के उदाहरण
वस्तु घिनौनी देखी सुनि घिन उपजे जिय मांहि।
छीन बाढ़े बीभत्स रस, चित की फुची मिट जांहि।
निन्द्य कर्म करि निन्द्य गति, सुने कि देखे कोई।
तन संकोच मन सम्भ्रमरु द्विविध जुगुत्सा होई।।
व्याख्या
उपर्युक्त दिए गए इस वाक्य में कवि कहना चाहता है कि घिनौनी अथवा खराब बस्तुओ को देखकर या उनके बारे में सुनकर हमारे मन अथवा ह्रदय में घृणा के भाव उत्पन्न होने लगते हैं। अतः यदि किसी व्यक्ति, वस्तु के बारे में घ्रणित होने का बोध होता है तो वह वीभत्स रस का उदाहरण होता है।
Vibhats Ras Avyay In Hindi – वीभत्स रस के अवयव
स्थायी भाव :- घृणा / जुगुप्सा
अनुभाव :-
- झुकना
- थूकना
- आंखें मूंद लेना
- मुंह फेरना
संचारी भाव :-
- अपस्मार
- मोह
- व्याधि
- आवेद
- मूर्छा
- मरण
आलंबन विभाव :-
- व्यभिचारी
- विलासिता
- धार्मिक पाखंडता
- छुआछूत
- पाप कर्म
- अन्याय
- नैतिक पतन
- दुर्गंधमय मांस
- घृणास्पद व्यक्ति या वस्तुएं
- चर्बी
- रक्त
उद्दीपन विभाव :-
- घृणित चेष्टाएं
- कीड़े पड़ना
Conclusion – वीभत्स रस में घृणा वाले भाव का वर्णन किया जाता है, यह भाव गलिन होते हैं वीभत्स रस, रस का एक महत्वपूर्ण भेद है जिसकी पूरी जानकारी इस पेज Vibhats Ras Ki Paribhasha, Prakar Aur Udaharan पर बताई गई है।
FAQs About Vibhats Ras Kya Hote Hain In Hindi
Q1. वीभत्स से रस किसे कहते हैं ?
Ans : जब किसी काव्य को पढ़ने या कोई ऐसा दृश्य देखने के बाद अंदर घृणा वाले भाव की अनुभूति होती है तो उसे Vibhats Ras Kahate Hain.
Q2. वीभत्स से रस का स्थायी भाव क्या होता है ?
Ans : वीभत्स रस का स्थायी भाव “घृणा” होता है।
Q3. वीभत्स रस की स्थिति क्या होती है ?
Ans : वीभत्स रस की स्थिति दुःखात्मक होती है, इसमें घृणा वाले भाव की उत्पत्ति होती है।