Bahuvrihi Samas Kise Kahate Hain – आज इस लेख “Bahuvrihi Samas In Hindi” में हम बहुव्रीहि समास के बारे में पढ़ने जा रहे हैं, इस लेख में आपको Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha Aur Udaharan के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल जाएगी। यह समास का एक महत्वपूर्ण भाग है अतः इसको ध्यान पूर्वक पूरा जरूर पढ़ें।
Definition Of Bahuvrihi Samas In Hindi – बहुव्रीहि समास की परिभाषा
ऐसा समास जिसका कोई भी पद प्रधान नही होता है तथा दिए गए सभी पद मिलकर किसी अन्य पद की ओर संकेत करते हैं, ऐसे समास को Bahuvrihi Samas Kahate Hain. अर्थात ऐसा समास जिसमे दिए गए किसी भी पद की प्रधानता न होकर किसी अन्य पद की प्रधानता होती है वह बहुव्रीहि समास के अंतर्गत आते हैं।
Bahuvrihi Samas बहुव्रीहि समास के उदाहरण
- कलहप्रिय = कलह है प्रिय जिसको वह
- दिगम्बर (शिव) = दिशाएँ ही हैं वस्त्र जिसके
- जितेन्द्रिय = जीती गई हैं इन्द्रियाँ जिससे वह
- वाग्देवी (सरस्वती) = वह जो वाक् (भाषा) की देवी है
- महेश्वर (शिव) = महान है जो ईश्वर
- दत्तधन = दिया गया है धन जिसके लिए वह
- पशुपति (शिव) = पशुओं का पति
- पीताम्बर = पीत है अम्बर जिसका वह
- चौलड़ी = चार हैं लड़ियाँ जिसमें वह
- चक्रधर (श्री कृष्ण) = चक्र धारण करने वाला
- गजानन (गणेश) = गज से आनन वाला
- विषधर (साँप) = विष को धारण करने वाला
- चतुर्भुज (विष्णु) = चार हैं भुजाएं जिसकी
- नाकपति (इन्द्र) = वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है
- त्रिलोचन (शिव) = तीन आँखों वाला
- सपत्नीक = साथ है पत्नी जिसके वह
- दशानन (रावण) = दस हैं आनन जिसके
- अन्यमनस्क = अन्य में है मन जिसका
- मुरलीधर (श्री कृष्ण) = मुरली धारण करने वाला
- चतुर्मुख (ब्रह्म) = चार हैं मुख जिसके
- निशाचर (राक्षस) = निशा अर्थात रात में विचरण करने वाला
- लम्बोदर = लंबा है उदर जिसका
Conclusion – बहुव्रीहि समास में वाक्य का प्रयोग प्रधान के रूप में होता है इसमें हमें कोई भी प्रधान नहीं मिलता, यहां पर आप सरल शब्दों में Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha, Prakar Aur Niyam विशेषताएं आदि पढ़ सकते हैं।
FAQs About Bahuvrihi Samas Kya Hai In Hindi
Q1. बहुव्रीहि समास क्या होता है ?
Ans : बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता, इसमें दोनों पद मिलकर एक विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं उन्हें Bahuvrihi Samas Kahate Hain
Q2. बहुव्रीहि समास कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : Bahuvrihi Samas 5 Prakar Hote Hain –
- समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
- तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
- व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
- प्रादी बहुव्रीहि समास
- व्यतिहार बहुव्रीहि समास
Q3. बहुव्रीहि समास की पहचान क्या होती है ?
Ans : बहुव्रीहि समास में वक्ता को कोई प्रधान नहीं मिलता, यह परस्पर संबंध को दर्शाते हैं।